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'छठ बिहार का पर्व है इजराइल का नहीं..' कह शिक्षकों ने की Holiday बढ़ाने की मांग, 'X' पर ट्रेंड कर रहा अभियान - CHHATH AND DEEPAVALI HOLIDAY

बिहार में छठ और दीपावली की छुट्टी में कटौती करने से शिक्षक खासे नाराज हैं. उन्होंने सरकार से अवकाश को बढ़ाने की मांग की है-

दीपावली से छठ तक की छुट्टी बढ़ाने की डिमांड
दीपावली से छठ तक की छुट्टी बढ़ाने की डिमांड (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 24, 2024, 9:58 PM IST

पटना: इस बार शिक्षा विभाग ने दीपावली में शिक्षकों को सिर्फ एक दिन की छुट्टी दी है. छठ के दौरान खरना से चार दिनों की छुट्टी दी है, इस बात से शिक्षकों में आक्रोश है. पूर्व में छठ के पहले अर्घ्य अर्थात 7 नवंबर से 9 नवंबर तक छुट्टी थी. शिक्षक संगठनों ने छठ महापर्व की बात कहते हुए पूर्व की भांति दीपावली से छठ तक छुट्टी देने की सरकार से गुहार लगाई. कई संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा. इसके बाद विभाग ने 1 दिन की अतिरिक्त छुट्टी छठ के समय बढ़ाई और 6 नवंबर अर्थात खरना के दिन भी छुट्टी घोषित की. लेकिन इससे भी शिक्षक खुश नहीं हैं वह अपने पुराने मांग पर कायम हैं कि दीपावली से छठ तक पूर्व की भांति छुट्टी बहाल की जाए.

सोशल मीडिया पर #mahaparvholidaymatters अभियान: शिक्षक संगठन इतने आक्रोशित हैं कि बिहार शिक्षक मंच के माध्यम से कह रहे हैं कि जो एक दिन की अतिरिक्त छुट्टी विभाग ने बढ़ाई है उसे भी वह वापस ले ले. नाराज शिक्षकों ने बिहार शिक्षक मंच के माध्यम से एक्स प्लेटफार्म पर गुरुवार को दिन भर #mahaparvholidaymatters अभियान चलाया. यह काफी समय तक ट्रेडिंग रहा और इस #पर हजारों पोस्ट हुए. शिक्षकों ने कहा कि छठ पर्व में छुट्टी कटौती बिहारी अस्मिता के साथ मजाक है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगे से बिहारी अस्मिता की दुहाई देना बंद करें. शिक्षक कह रहे हैं कि ऐसा लग रहा है की छठ बिहार का नहीं बल्कि इजराइल का पर्व है.

छठ बिहार की है पहचान: बिहार शिक्षक मंच से जुड़े शिक्षक और एक्स के पेज बिहार शिक्षक मंच के एडमिन सौरव कुमार ने बताया कि अलग अलग प्रदेशों में मनाये जाने वाले पर्व त्योहारों के साथ उनकी सांस्कृतिक पहचान जुड़ी होती हैं. बिहार की यह सांस्कृतिक पहचान लोकपर्व छठ के साथ गहरे से जुड़ी हुई है. सूबे के विभिन्न जिलों में कार्यरत शिक्षक इस बार लोकपर्व छठ को सही से नही मना पायेंगे. शिक्षा विभाग द्वारा छठ के अवकाश में कटौती के कारण अपने घरों से दूर कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाऐं छठ मनाने अपने घर नहीं जा पायेंगे. "नहाय खाय" के दिन विद्यालय खुले होने के कारण शिक्षकों की परेशानी भी बढ़ेगी.

सोशल मीडिया में लगातार जारी रहेगा अभियान : सौरव कुमार ने कहा कि वहीं दीपावली में महज एक दिन के अवकाश के कारण दूरदराज के क्षेत्रों के शिक्षकों की दीवाली फीकी होती दिख रही है. जाहिर है इसका तीखा आक्रोश सूबे के शिक्षकों में देखने को मिल रहा है. इस मसले पर सूबे के शिक्षकों ने आज एक्स समेत सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर कैंपेन चलाया है. जिसमें बिहार शिक्षक मंच के नेतृत्व में सूबे के लाखों शिक्षकों की भागीदारी दिख रही है. सत्ता का पक्ष का नेता हो या विपक्ष का इस मुद्दे पर सभी ने शिक्षकों के इस मांग का समर्थन किया. इस दौरान #mahaparvholidaymatters एक्स पर ट्रेंड कर रहा है. अवकाश पर शिक्षक विरोधी विभागीय रवैये पर सोशल मीडिया पर तीखे तंज भी देखने को मिल रहा है. शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर अपना कैंपेन जारी रखने का ऐलान किया है.

सीएम को बिहारी अस्मिता की दुहाई देने का हक नहीं: टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोप गुट के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक ने प्रेस बयान जारी कर छठ पर्व में छुट्टी कटौती को बिहारी अस्मिता के साथ मजाक और शिक्षकों के विरुद्ध बताया है. उन्होंने कहा कि दीपावली व छठ पर्व के अवकाश में कटौती से सूबे के शिक्षकों में आक्रोश है. एक तरफ सरकार दिन रात बिहारी अस्मिता और बिहारी पहचान को मजबूत करते हुए देश के विकास में बिहार के महती भूमिका की बात करती है, दूसरी तरफ वैसे पर्व जिससे सूबे की पहचान जुड़ी है उसमें अवकाश कटौती का काम करती है. छठ की छुट्टी काटने वाली सरकार को बिहारी अस्मिता की दुहाई देने का कोई हक नहीं है.

दीपावली से छठ तक बहाल हो छुट्टी: बिहार शिक्षक मंच के एक और एडमिन सह सरकारी शिक्षक अमित अभिषेक ने कहा की सूबे के शिक्षकों को प्रतिवर्ष मिलने वाले 60 दिनों के अवकाश को महज दो दर्जन दिनों के अवकाश में सीमित कर दिया गया है. वार्षिक अवकाश कैलेंडर में रविवार के दिनों को गिनकर अवकाश में खानापूर्ति की नौटंकी की जा रही है. साथ ही बिहार की अस्मिता से जुड़े छठ जैसे त्यौहार के दिन भी स्कूल खोलकर शिक्षकों को सांस्कृतिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. यह कहीं से भी उचित नही है. इस वर्ष से पूर्व कभी ऐसा नहीं हुआ कि दीपावली और छठ के बीच स्कूलों में अवकाश न रहा हो. शिक्षा विभाग को दीपावली व छठ के अवकाश को पुनर्बहाल करने की दिशा में अविलंब पहल लेना चाहिए और यही उनकी मांग भी है.

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