छतरपुर:छतरपुर मेंरावण दहन के आयोजन को लेकर लगातार लंबे समय से जिला प्रशासन और रामलीला समिति के लोगों मे विवाद चल रहा था. पिछले 127 सालों से स्टेडियम में रावण दहन का आयोजन किया जा रहा था, लेकिन तत्कालीन कलेक्टर ने इस स्टेडियम को सिर्फ खेल मैदान में तब्दील कर रनिंग ट्रैक बना दिया था. जिसको लेकर रावण दहन के आयोजन पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन अब कलेक्टर पार्थ जैसवाल और विधायक के लगातार प्रयास से रावण दहन को नई जगह मिल गई है.
127 सालों से स्टेडियम में हो रहा था रावण दहन
शहर में पिछले 127 सालों से होने वाले रावण दहन के आयोजन पर लगे ग्रहण को आखिरकार जिला प्रशासन और विधायक ने प्रयास कर मामले को निपटा दिया है. दरसल छतरपुर शहर के बाबूराम चतुर्वेदी स्टेडियम में रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार रावण दहन के लिए जगह चिंहित न हो पाने के कारण शहर के लोगों के मन में रावण दहन होगा या नहीं इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. वहीं स्टेडियम में रावण दहन की अनुमति न मिलने से नाराज समिति के लोगों में भी लगातार आक्रोश बढ़ रहा था.
तत्कालीन कलेक्टर ने बना दिया था रनिंग ट्रैक
हर विजयदशवी पर शहर की मां अन्नपूर्णा रामलीला समिति और लाल कड़वका समिति बारी-बारी से रावण दहन करती आ रहीं हैं. जिसके चलते इस बार रावण दहन का कार्यक्रम लाल कड़क्का समिति को करना था लेकिन प्रशासन द्वारा कोई अनुमति नही दी गई. दरसल छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर संदीप जीआर द्वारा इस स्टेडियम का कायाकल्प कर करीब 3 करोड़ की लागत से रनिंग ट्रैक बनाया था. जिससे लोग फिजिकल की तैयारी कर सकें और धार्मिक सांस्कृतिक, राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन अब रावण दहन के आयोजन को लेकिन पनप रहे विवाद को पूरी तरह शांत कर दिया गया है. विधायक ललिता यादव, कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने समिति को एक्सीलेंस स्कूल के ग्राइंड में विजयदशवी के आयोजन की अनुमति देकर भूमि पूजन कर विवाद को शांत कर दिया है.