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चंपई सोरेन मंत्रिमंडल विस्तार क्यों टला, जानिए कहां फंस गया पेंच

Champai Soren cabinet expansion. विश्वासमत हासिल करने के बाद से ही लगातार मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जल्द मंत्रिमंडल विस्तार होने की बात करते रहे हैं. 8 फरवरी को शपथग्रहण के लिए राजभवन में तैयारी भी शुरू हो गई थी, लेकिन अंतिम समय में इसे टाल दिया गया. इसके पीछे क्या वजह है, कहां मामला फंस गया?

Champai Soren cabinet expansion
Champai Soren cabinet expansion

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 8, 2024, 9:25 PM IST

रांची: चंपई सरकार के लिए मंत्रिमंडल विस्तार किसी चुनौती से कम नहीं है. 8 फरवरी को होनेवाले मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख अचानक टलने के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या 16 फरवरी को मंत्रिमंडल विस्तार हो पायेगा. दरअसल, शपथग्रहण की तारीख बदलने के पीछे एक बार फिर कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के नाम तय नहीं होना माना जा रहा है.

कांग्रेस के अंदर मंत्री बनने की मची होड़ के बीच कुछ ऐसे भी विधायक थे जिन्हें पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व से ग्रीन सिग्नल मिल चुका था और बधाई भी आनी शुरू हो गई थी. मगर ऐन वक्त पर खेला हो गया और पार्टी ने मुख्यमंत्री के माध्यम से मंत्रिमंडल विस्तार को टालने के लिए राजभवन तक सूचना पहुंचाया. कांग्रेस विधायक दल के नेता और चंपई सरकार के कांग्रेस कोटे से वर्तमान समय में एकमात्र मंत्री बनने वाले आलमगीर आलम का मानना है कि मंत्री के नाम पर अभी तक मुहर नहीं लगी है. केन्द्रीय नेतृत्व का निर्णय अंतिम होगा.

झामुमो-कांग्रेस पर फंस रहा है पेंच

मंत्रिमंडल विस्तार से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस में मंत्री पद को लेकर पेंच फंस रहा है. गठबंधन के अंदर डिप्टी सीएम को लेकर भी चर्चा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से डिप्टी सीएम बसंत सोरेन को बनाने की मांग है. कांग्रेस को इस पर एतराज है. कांग्रेस पूर्व की तरह फॉर्मूला पर रहना चाह रही है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस का मानना है कि चूंकि मुख्यमंत्री और स्पीकर जैसे पद पहले सी जेएमएम के पास है ऐसे में डिप्टी सीएम भी मिले यह उचित नहीं है.

इसके अलावे हेमंत सरकार में विभागों के हुए बंटवारे में भी इस बार फेरबदल की तैयारी चल रही है. कांग्रेस कोटे में शिक्षा विभाग आने की संभावना है. बहरहाल इन सबके बीच गठबंधन के अंदर पहली प्राथमिकता समन्वय बनाकर सरकार चलाने की है जिसके लिए सबकी नजर कांग्रेस पर टिकी हुई है.

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