गढ़वाः झारखंड धान खरीद में भले ही अभी पिछड़ा हुआ है, लेकिन गढ़वा अपने लक्ष्य के विरुद्ध 81 प्रतिशत धान का क्रय कर पूरे झारखंड में पहले पायदान पर है. वहीं धान क्रय के लक्ष्य को पूरा करने में मिलरों की लापरवाही बाधक बन रही है.
दो लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य
झारखंड सरकार ने गढ़वा जिला को धान क्रय करने के लिए दो लाख क्विंटल का लक्ष्य दिया था. जिसके एवज में जिला आपूर्ति विभाग एवं सहकारिता विभाग ने 52 पैक्स के माध्यम से अब तक दिए गए लक्ष्य का 81 प्रतिशत क्रय पूरा कर पहले स्थान पर काबिज हो गया है. जिले में अब तक दो लाख क्विंटल के लक्ष्य के विरुद्ध एक लाख, 63 हजार क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है.
धान उठाव में मिलर बन रहे हैं बाधक
गढ़वा में मिलरों की लापरवाही से धान का पर्याप्त उठाव नहीं हो रहा है. नियम के तहत मिलर को धान उठाने से पहले धान का 68 प्रतिशत चावल जमा करना होता है, लेकिन मिलरों की लापरवाही ने आपूर्ति विभाग को परेशानी हो रही है. क्योंकि मिलर समय से चावल नहीं जमा कर रहे हैं. इस कारण धान का उठाव नहीं हो पा रहा है.
झारखंड में है मिलर की कमी
झारखंड की बात करें तो यहां राइस मिल की संख्या बहुत कम है. सरकार का नियम है कि मिलर झारखंड का ही होना चाहिए. इस परिस्थिति में मात्र तीन मिलरों पर गढ़वा जिले के पैक्स आश्रित हैं. ऐसी स्थिति में गढ़वा जिला में धान की खरीदारी में तो तेजी है, लेकिन धान के उठाव में धीमी गति देखी जा रही है.
लक्ष्य से अधिक भी लिया जा सकता है धान
इस मामले पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी राम गोपाल पांडेय ने कहा कि गढ़वा जिला धान खरीद में पूरे झारखंड में पहले स्थान पर है. मिलरों के द्वारा चावल नहीं जमा करने से थोड़ी परेशानी हो रही है. सीएमआर रिपोर्ट में सुधार होना जरूरी है. यदि किसानों के धान और होंगे तो हम अपने लक्ष्य को पूरा करने के बाद भी विभाग से पत्राचार कर सभी किसानों का धान क्रय करेंगे.
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