रांची: राज्य में हेमंत सरकार द्वारा छात्रों को यूपीएससी और जेपीएससी सहित विभिन्न प्रतियोगिता और व्यावसायिक कोर्स में दाखिला लेने के लिए तैयारी में जुटे छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग की घोषणा की गई थी. जिसके तहत एकलव्य प्रशिक्षण योजना और मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की गई थी. लेकिन घोषणा के डेढ़ साल बाद भी धरातल पर योजना का लाभ नहीं पहुंचा है.
योजना को लेकर मौजूदा हालत ये है कि सरकार के द्वारा अब तक दोनों योजनाओं के लिए कोचिंग संस्थानों का चयन तक नहीं हो पाया है. जिस वजह से इसके माध्यम से राज्य के 35 हजार छात्रों को मुफ्त कोचिंग की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है. छात्रों को हो रही इस परेशानी को विपक्षी दल ने आड़े हाथ लेते हुए बड़ा मुद्दा बनाया है और सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि इन दोनों योजनाओं के लिए राज्य सरकार ने 3.30 करोड़ का बजट डेढ़ साल पहले ही स्वीकृत किया था. लेकिन हैरानी की बात है कि आज तक इस पर कोई काम नहीं हुआ. भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए अजय साह ने कहा कि बिना किसी स्पष्ट कारण के इतनी महत्वपूर्ण योजना को रोककर सरकार ने झारखंड के हजारों छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया है.
छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ ना करे सरकार: बीजेपी
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इन योजनाओं के तहत यूपीएससी, जेपीएससी, बैंक पीओ, मास कम्युनिकेशन, रेलवे बोर्ड, इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की गई थी. इसके अलावा छात्रों को हर महीने 2500 रुपए की आर्थिक सहायता देने का भी प्रावधान था. उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है. क्या यह योजनाएं पूरी तरह बंद कर दी गई है या आगामी बजट में इन्हें फिर से शुरू किया जाएगा.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि आमतौर पर छात्र हर वर्ष अप्रैल में नए सत्र के साथ कोचिंग शुरू करते हैं. अगर सरकार ने मार्च तक इन योजनाओं को लागू नहीं किया तो फिर यह योजनाएं केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएगी. उन्होंने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने का आग्रह करते हुए सरकार से अपील की है कि शिक्षा से जुड़ी योजनाओं को राजनीतिक खींचतान से दूर रखते हुए तुरंत लागू किया जाए.
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