शिमला: राजधानी शिमला के पास चमियाणा में 100 करोड़ रुपये की लागत से अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण किया गया है. फिलहाल, जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. कारण ये है कि अस्पताल को जाने वाले रास्ते की हालत ठीक नहीं है.
इन सब बातों को देखते हुए हाईकोर्ट ने चमियाणा सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में ओपीडी पर रोक लगाई थी साथ ही चमियाणा को जाने वाले रास्तों के दोनों तरफ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए थे.
हाईकोर्ट ने पहली अक्टूबर को मामले की सुनवाई के बाद 13 अक्टूबर तक सारे अतिक्रमण हटाने को कहा था लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. चमियाणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को कमला नगर यानी भट्टाकुफर से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के आदेश पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है.
हाईकोर्ट ने इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश भी दिए थे. हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर कोई इस कार्रवाई से खुद को पीड़ित समझता है तो वह सीधे अदालत में इस मामले से जुड़ कर अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र है.हाईकोर्ट के इन आदेशों के बाद कुछ लोगों ने खुद को न्यायालय के आदेशों से पीड़ित पाते हुए आवेदन पत्र दाखिल किया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने आवेदन का अवलोकन करने पर कहा कि इस मामले को अलग से सुने जाने की आवश्यकता है इसलिए कोर्ट ने अपने पिछले आदेशों के अमल पर रोक लगाते हुए इस मामले को अलग से पंजीकृत करने के आदेश पारित किए. मामले पर सुनवाई 22 अक्टूबर को निर्धारित की गई है.
क्या है पूरा मामला?
राजधानी शिमला के समीप इस सुपर स्पेशियलिटीअस्पताल में ओपीडी शुरू की गई थी. बाद में यहां रास्ता सही हालत में न होने के कारण ओपीडी के संचालन पर अदालत ने रोक लगाई थी. जनहित याचिका में चमियाणा हॉस्पिटल को शिमला शहर से जोड़ने के लिए संपर्क मार्ग की उचित और सुरक्षित व्यवस्था न होने के कारण हाईकोर्ट ने इस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में विभिन्न विभागों की ओपीडी के संचालन पर रोक लगा रखी है.