नई दिल्ली: ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है. 26 फरवरी को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जाया वर्मा सिन्हा वह अन्य अधिकारियों ने एआईआरएफ के नाम डाक टिकट भी जारी किया. ईटीवी भारत ने ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव शिव गोपाल मिश्रा से फेडरेशन के 100 साल के कार्यकाल पर बात की.
रेलवे की सबसे पुरानी इस फेडरेशन से 9.46 लाख सदस्य जुड़े हैं. आज केंद्रीय कर्मचारियों की बड़ी मांग ओल्ड पेंशन स्कीम है. कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे हैं. एआईआरएफ लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग कर रही है. इस पर शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि हम लोग बड़े-बड़े आंदोलन कर चुके हैं लेकिन अभी तक सरकार की कान पर जूं नहीं रेगी है. आगामी 19 मार्च को केंद्रीय कर्मचारी अपने-अपने विभाग के शीर्ष अधिकारी को नोटिस देंगे.
यदि इसके बाद भी सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो 1 मई से सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि हमारे पैसों को ले जाकर कहीं और लगाया जा रहा है. जहां पर पैसा डूब रहा है. हम लोगों ने ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग की है. हम सरकार से टकराना और देश की जनता को किसी मुसीबत में नहीं डालना चाहते हैं. अभी भी वक्त है सरकार हमारी मांगे मान ले अन्यथा अनिश्चितकालीन हड़ताल के अलावा हमारे पास कोई और रास्ता नहीं होगा. प्रस्तुत है शिवगोपाल मिश्रा से बातचीत का प्रमुख अंश...
सवाल :कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे हैं और ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं. लंबे समय से संघर्ष चल रहा है अब क्या स्थिति है? क्या ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो पाएगी या नहीं ?
उत्तर : ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन वर्ष 2004 से ही नई पेंशन स्कीम का विरोध कर रही है. 29 नवंबर 2022 को पुरी में हमारा एक सम्मेलन हुआ था. इस स्कीम के खिलाफ भारत सरकार के खिलाफ संघर्ष करेंगे. और इसके लिए तमाम लोगों की इकट्ठा करने काम करेंगे. 21 जनवरी 2023 को में प्यारेलाल भवन में सम्मेलन किया गया. इसमें देश भर के 36 संगठन शामिल हुए. सब ने मिलकर पुरानी पेंशन बहाली मंच बनाने का काम किया. 10 अगस्त को 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए. हम लोगों ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि यदि ओल्ड पेंशन स्कीम नहीं लागू हुई तो हम लोगों को हड़ताल पर जाना होगा. लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी. यह ऐसा विषय है जिसको हम लोग छोड़ नहीं सकते. यह बुढ़ापे का सहारा लाठी है. नई भर्ती वाले बच्चे और बच्चियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन ना मिले और उन्हें बाजार के सहारे छोड़ दिया जाए यह ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा.
सवाल :ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर आगे की क्या रणनीति बनाई गई है ?
उत्तर : ओल्ड पेंशन स्कीम की रणनीति तैयार करने के लिए जॉइंट फॉर्म ऑफ रेस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम की कोर कमेटी की 27 फरवरी को बैठक की गई. इस बैठक में फैसला लिया गया है कि 19 मार्च को सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए नोटिस देंगे. 1 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. आगामी 19 मार्च को केंद्र और राज्य के कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर इकट्ठा होकर अपने-अपने नियोक्ता को नोटिस देंगे. रेलवे की कर्मचारी अपने जनरल मैनेजर को नोटिस देंगे. राज्य के कर्मचारी अपने अधिकारी को नोटिस देंगे.
सवाल : क्या फेडरेशन की तरफ से ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर सरकार के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत हुई है ?
उत्तर : कई बार मंत्री स्तर पर बातचीत हो चुकी है. हमने वित्त मंत्री से भी मिलने का प्रयास किया लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई. प्रधानमंत्री से भी मिलने के लिए समय मांगा था लेकिन समय नहीं मिल पाया. लेकिन उन्हें ज्ञापन भेज कर हमने अपनी मांगें उनके सामने रखी हैं. यह विडंबना है कि हमारे पैसों को ले जाकर कहीं और लगाया जा रहा है जहां पैसा डूब रहा है. हम लोगों ने ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग की है. हम सरकार से टकराना और देश की जनता को किसी मुसीबत में नहीं डालना चाहते हैं.