जोधपुरःएमबीएम इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिकल व्हीकल (ईवी) का सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा, जिसमें ईवी पर रिसर्च तो होगा ही साथ ही इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की पढ़ाई में भी इस विषय को शामिल किया जाएगा.
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. एमके भास्कर ने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ईवी गाड़ियों की डिजाइन, बैटरी एफिशिएंसी बढ़ाने, चार्जिंग स्टेशन सहित ईवी के विभिन्न कंपोनेंट पर रिसर्च होगा. इसके अलावा रिसर्च का मुख्य फोकस राजस्थान जैसे गर्म प्रदेशों में बैटरी की एफिशिएंसी बढ़ाने पर होगा. इसके लिए अलग से भवन और ईवी की प्रयोगशाला स्थापित होगी और उपकरण आएंगे.
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गर्मी में कम हो जाता है माइलेजः वर्तमान में 50 किलोवाट की बैटरी से जो ईवी गाड़ी सर्दियों में 300 किलोमीटर तक चल रही है, वह जून तक आते-आते 200 किलोमीटर का माइलेज देने लगती है. इसके कारण चार्जिंग पर अतिरिक्त खर्च आता है. विभागाध्यक्ष ने बताया कि इसके लिए बैटरी के कूलिंग सिस्टम का प्रोटोटाइप तैयार कर गर्मी के समय में ज्यादा कारगार करने के लिए उन्नत किया जाएगा.
कीमत कम करने के लिए होगा रिसर्चःइस समय पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिकल व्हीकल की बैटरी की लागत कम करने पर फोकस है. एमबीएम विवि के एक्सीलेंस सेंटर में बैटरी की लागत कम करने पर भी शोध होगा. वर्तमान में सभी बैटरियां लिथियम आयन पर केंद्रित है. इसको लेकर भी शोध किया जाएगा. इसके अलावा दुपहिया और चार पहिया वाहनों के डिजाइन पर भी ध्यान दिया जाएगा.
तथ्यों पर एक नजर:
- 2024 में दुनिया भर में बिकने वाले वाहनों में 25 प्रतिशत EV बिकने का अनुमान.
- 2023 में पूरी दुनिया में 18 प्रतिशत EV बिके थे.
- 2022 में पूरी दुनिया में 14 प्रतिशत EV बिके थे.
- 2030 तक भारत में 30 प्रतिशत वाहन EV होंगे.
- नार्वे में 2025 के बाद जीरो कार्बन की घोषणा की, यानि वहां सिर्फ EV ही चलेंगे. अभी 90 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल हैं.