सिरसा: हरियाणा के सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में गर्ल्स स्टूडेंट्स द्वारा एक गुमनाम चिट्ठी के माध्यम से एक विभाग के डीन और एक प्रोफेसर पर यौन शोषण के आरोप में मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं. एक ओर जहां गुमनाम चिठ्ठी ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के होश उड़ा दिए हैं. वहीं, डीन और प्रोफेसर पर लगे गंभीर आरोप की जांच सिरसा पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन कर रहा है. पुलिस के मुताबिक उस विभाग में 539 गर्ल्स स्टूडेंट्स हैं जो अपनी पढ़ाई कर रही हैं. इस मामले में तफ्तीश के दौरान लगभग सभी गर्ल्स स्टूडेंट्स के बयान पुलिस ने दर्ज किए हैं. अभी तक पुलिस की जांच में डीन और प्रोफेसर पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो रही है. फिलहाल अभी भी पुलिस मामले की जांच कर रही है.
एक विभाग के डीन और प्रोफेसर के खिलाफ यौन शोषण के आरोप:बता दें कि सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में पिछले दिनों करीब 500 गर्ल्स ने यूनिवर्सिटी के एक विभाग के डीन और प्रोफेसर के खिलाफ यौन शोषण के आरोप एक गुमनाम चिठ्ठी के जरिए लगाए थे. इसकी जांच यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस द्वारा की जा रही है. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर अजमेर मलिक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए 7 सदस्यीय की एक कमेटी का गठन किया है. इस मामले में पीड़ित पक्ष और आरोपी पक्ष के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और जल्द ही कमेटी की रिपोर्ट के बाद एक्शन लिया जाएगा. फिलहाल सिरसा पुलिस ने अब तक सभी छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई है.
जांच अभी भी जारी:गौर रहे किगर्ल्स स्टूडेंट्स ने यह गुमनाम चिठ्ठी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा के राज्यपाल डीजीपी हरियाणा डीसी सिरसा एसपी सिरसा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सहित अनेक लोगों को भेजी है. पिछले दिनों ASP दीप्ति गर्ग ने इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली गर्ल्स स्टूडेंट्स से भी बयान लिए हैं. पीड़ित पक्ष से भी सिरसा पुलिस लगातार बयान ले रही है और आरोपी प्रोफेसर से भी पूछताछ की जा रही है. मामले में क्या निष्कर्ष निकलता है यह तो जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा, लेकिन इस घटना के बाद से यूनिवर्सिटी की छवि पर एक बार फिर से दाग लग गया है. इस मामले में न तो पीड़ित पक्ष मीडिया के समक्ष आ रहा है और न ही आरोपी पक्ष आया है.