नई दिल्ली/गाजियाबाद:गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल बीते 48 घंटे में मौत के कुल 25 मामले सामने आए हैं, जिसमें मृत अवस्था में ले गए मरीज भी शामिल हैं. इन मौतों को हीट वेव से जोड़कर देखा जा रहा है. इसके पीछे क्या कारण है, इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता और एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश से बातचीत की.
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इन दिनों तापमान औसत से ज्यादा है. हीट स्ट्रोक से मौत का पता केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चलता है. जो भी संदिग्ध मामले सामने आ रहे हैं उनका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. हालांकि पोस्टमार्टम में हीट स्ट्रोक से हुई मौत की पुष्टि होती है तो उसकी जानकारी दी जाएगी. हालांकि अभी तक गाजियाबाद में हीट स्ट्रोक से मौत होने का मामला सामने नहीं आया है. वहीं जब सवाल किया गया कि अचानक से मौत की संख्या बढ़ाने का क्या कारण है, तो उन्होंने कहा कि इसका कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है. उन्होंने आगे बताया संयुक्त अस्पताल और एमएमजी अस्पताल में बढ़ती गर्मी को देखते हुए पर्याप्त एग्जाम किए गए हैं. साथ ही अस्पतालों में स्टाफ भी बढ़ाए गए हैं. एंबुलेंस पूरी तरह से अलर्ट है. हीट इलनेस से संबंधित जो भी मामले सामने आ रहे हैं उन्हें अस्पताल में ऑब्जर्वेशन में रखा जा रहा है.
वहीं गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि बीते दो से तीन दिनों में मोर्टालिटी रेट में इजाफा हुआ है. 17 जून एमएमजी अस्पताल में भर्ती 6 मरीजों की मृत्यु हुई, जबकि 10 मरीज ऐसे थे जो कि अस्पताल में मृत अवस्था में लाए गए. जो मरीज मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचे थे, उनको परिजनों को शवों का पोस्टमार्टम कराने का सुझाव दिया गया. हालांकि कई मरीजों के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. वहीं 18 जून को अस्पताल में कुल 9 मरीज मृत अवस्था में लाए गए.