बगहाःआज विश्व कैंसर दिवस है. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने और इस बीमारी के रोकथाम को लेकर की जा रही प्रयासों की जानकारी देना है, क्योंकि हर साल लाखों लोगों की मौत इस बीमारी से हो जाती है. ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज का अनुमान है कि कैंसर के कारण सिर्फ 2017 में तकरीबन 95.6 लाख लोगों की समय से पहले मौत हो गई. साथ ही दुनिया में हर छठी मौत कैंसर के कारण होती है. लिहाजा इसको लेकर जागरूकता जरूरी है.
होम्योपैथी से कैंसर का इलाज संभवः बता दें की मेडिकल क्षेत्र में आधुनिकता और तकनीकी विकास के चलते अब कैंसर लाइलाज बीमारी तो नहीं रही, लेकिन अभी भी आम लोगों के लिए इसका इलाज काफी कठिन बना हुआ है, क्योंकि इसके इलाज के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियो थेरेपी और हार्मोन थेरेपी इत्यादि तरीकों से किया जाता है जो की काफी खर्चीला और कष्टदायक पद्धति है. ऐसे में होम्योपैथी से भी इसका इलाज संभव है और हाल के दिनों में होम्योपैथी इसका एक बेहतर विकल्प के तौर पर उभरा है.
बगहा का होमियो सेवा कैंसर संस्थानः बगहा के श्रीनगर मुहल्ले में वन विकास भारती केंद्र द्वारा होमियो सेवा कैंसर संस्थान की स्थापना की गई है जहां होम्योपैथी पद्धति से किसी भी प्रकार के कैंसर का इलाज किया जाता है, कैंसर एवं असाध्य रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पदमभानू सिंह ने होमियोपैथ से एमडी किया है, साथ हीं कैंसर के लिए पीजीटी किया है. उन्होंने बताया कि आधुनिक मेडिकल तकनीक के जरिए इसका इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियो थेरेपी और हार्मोन थेरेपी इत्यादि पद्धति से किया जाता है. जिसके बाद भी कैंसर होने की संभावना शत प्रतिशत बनी रहती है.
"मानव शरीर में कैंसर वहीं अटैक करता है, जहां शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है. अगर कैंसर वाली जगह की सर्जरी कर भी दिया जाए तो शरीर के किसी अन्य हिस्से में कैंसर की संभावना बनी रहती है. जबकि होम्योपैथी से इसको एक हद तक काबू में किया जा सकता है. अब तक 200 से ज्यादा लोगों का कैंसर हमारे यहां इलाज से ठीक हुआ है. लास्ट स्टेज कैंसर वाले मरीजों का जीवन भी दोगुना हुआ है"- डॉक्टर पदमभानू सिंह, विशेषज्ञ, कैंसर एवं असाध्य रोग
दूर दराज से इलाज कराने आते हैं मरीजःइस होम्यो कैंसर सेवा संस्थान में यूपी, बिहार और नेपाल जैसे दूर दराज के क्षेत्रों से लोग इलाज कराने आते हैं. इसमें वैसे मरीज ज्यादा होते हैं. जो बड़े बड़े अस्पतालों से इलाज कराकर थक हार चुके होते हैं, लेकिन यहां आकर इलाज कराने पर उनकी निराशा खुशी में बदल जाती है. मरीजों का कहना है की वे काफी गंभीर स्थिति में यहां आते हैं और उनको इलाज से काफी फायदा मिलता है. इतना हीं नहीं डॉक्टर पदमभानु द्वारा बंगलादेश रिफ्यूजी कैंप में भी शिविर लगता है, जिसका इलाज ऑनलाइन रिपोर्ट के आधार पर किया जाता है.