बुरहानपुर:आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र धुलकोट में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. फालिया में बदहाल स्कूल भवन चिंताजनक है. ताजा मामला परतकुंडिया गांव के मलगांव फालिया से सामने आया है. यहां शासकीय प्राथमिक स्कूल के बच्चों की भवन के अभाव में उपस्थिति कम हो गई है. दरअसल इस फालिया में एक साल पहले तक खुद का स्कूल भवन था, लेकिन जर्जर होने के कारण उसकी छत तोड़ दी है. एक साल बाद भी इसका नवीनीकरण नहीं कराया गया है. जिसके चलते शिक्षक बच्चों को टपरो में बैठाकर पढ़ाने के लिए मजबूर है, लेकिन जिम्मेदार बच्चों के लिए स्कूल की मरम्मत तक कराना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. हालात यह है कि ग्रामीण के टपरे में स्कूल संचालित किया जा रहा है.
स्कूल के भवन में नहीं है छत
बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर परतकुंडिया गांव के मलगांव फालिया में सरकारी स्कूल की स्थिति बद से बदतर हो गई है. यहां शिक्षा विभाग ने 1995 में प्राथमिक शाला का निर्माण कराया था. भवन पुराना हो गया था. इस कारण बरसात में छतों से पानी टपकता था, छत नीचे झुक गई थी. जिसके चलते शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल के छत को 15 महीनों पहले गिरा दिया था. जिसके बाद से अब तक ना ही शिक्षा विभाग और ना ही ग्राम पंचायत ने इसकी सुध ली है.
स्कूल की दीवारें जर्जर
बता दें कि नवीनीकरण के नाम पर यहां एक साल पहले ग्राम पंचायत ने टीन की चादरें बिछाई थी, लेकिन स्कूल भवन की दीवारें जर्जर हो गई है. जो कभी भी गिर सकती है, इसको देखते हुए शिक्षक ने एक ग्रामीण के टपरे में स्कूल लगा रहे हैं. स्कूल भवन की छत गिराने के बाद कई पालक तो ऐसे हैं. जिन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजना ही बंद कर दिया है. अब इसका खमियाजा बच्चों और शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है.