बुरहानपुर. जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर लालबाग में सतपुड़ा पहाड़ी क्षेत्र में विश्व प्रसिध्द भूमिगत जल वितरण प्रणाली कुंडी भंडारा (खूनी भंडारा) स्थित है. 400 साल पुराने इस अंडर ग्राअंड वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से आज भी मिनरल वॉटर जितना साफ पानी मिलता है. लगभग चार सौ साल पहले मुगल शासकों के सूबेदार अब्दुल रहीम खानखाना ने बुरहानपुर में सूबेदार रहते हुए इस जलसंरचना का निर्माण कराया था.
आज भी 40 हजार घरों को पानी हो रहा सप्लाई
विश्व प्रसिद्ध भूमिगत जल वितरण प्रणाली कुंडी भंडारा (Kundi Bhandara) को खूनी भंडारा (KhoonI Bhandra) भी कहा जाता है. इसमें करीब 108 कुंडिया बनाई गई थीं. इस भूमिगत जल संरचना से आज भी पानी की अविरल धारा बह रही है, इससे उपनगर लालबाग के 40 हजार से ज्यादा घरों तक आज भी शुद्ध पानी पहुंच रहा है. करीब 15 साल के प्रयास के बाद यूनेस्को ने अपनी अस्थाई सूची में बुरहानपुर के खूनी भंडारा समेत 6 धरोहरों को शामिल किया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने ट्वीटर हैंडल पर यह जानकारी देकर बधाई दी है.
कुंडी भंडारा को खूनी भंडारा क्याें कहते हैं?
दरअसल, यहां बहने वाले पानी का रंग हल्का गुलाबी और लाल सा दिखाई पड़ता है, जिसकी वजह से लोग इसे कुंडी भंडारा की जगह खूनी भंडारा भी कहने लगे थे. सबसे चौंकाने वाली बात है कि यहां के पानी का पीएच लेवल 7.2 से 7.5 के बीच है. जबकि आमतौर पर पानी का औसत पीएच लेवल 7.8 से 8.2 होता है. कहा जाता है कि मुगलों ने अपने शासन काल में बुरहानपुर पर काफी ध्यान दिया था, क्योंकि यह दक्षिण भारत में उनके फैलाव का एक आधार था.