सागर: मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार प्रदेश के महानगरों से झुग्गी झोपडी हटाने की तैयारी कर रही है. इसकी शुरूआत राजधानी भोपाल से होने जा रही है. इसके बाद प्रदेश के दूसरे महानगरों को भी झुग्गी मुक्त किया जाएगा. फिर उन शहरों का नंबर आएगा, जहां झुग्गियां बड़ी समस्या बन गयी हैं. सरकार की इस पहल की शुरूआत राजधानी भोपाल से होने जा रही है.
जिला प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है और राजधानी के अलग-अलग इलाकों में बनी झुग्गियों को हटाने की कार्यवाही की जाएगी. लेकिन इसके पहले झुग्गी में रहने वाले लोगों को आवास का इंतजाम किया जाएगा. फिर झुग्गियों को हटाने की कार्यवाही की जाएगी. नगरीय प्रशासन विभाग जिला प्रशासन की मदद से राजधानी को झुग्गी मुक्त बनाने में जुट गया है.
पहले राजधानी फिर महानगर और फिर दूसरे शहर
दरअसल, मोहन यादव सरकार प्रदेश के चारों महानगरों को झुग्गी मुक्त बनाने में जुट गयी है. इस कवायद में सबसे पहले राजधानी भोपाल को झुग्गी मुक्त किया जाना है. हालांकि ये कोई नई योजना नहीं है, इस योजना पर कई सालों से मंथन चल रहा है. लेकिन अब सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना-2 के जरिए झुग्गी मुक्त शहर बनाने की कवायद में जुट गयी है. योजना के तहत झुग्गी झोपडियों में रहने वाले लोगों की पात्रता के आधार पर पहले उन्हें आवास तैयार किए जाएंगे. फिर इन झुग्गियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. राजधानी भोपाल के बाद इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर शहर को झुग्गी मुक्त बनाया जाएगा. फिर दूसरे बडे़ शहरों का नंबर आएगा.
करीब 400 झुग्गी बस्तियों में रहते हैं डेढ़ लाख लोग
जहां तक राजधानी भोपाल की बात करें, तो राजधानी को झुग्गी मुक्त बनाने की कवायद में सबसे पहले राज्य मंत्रालय के सामने बनी झुग्गी झोपडी को हटाने की शुरूआत होगी. नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक, राजधानी भोपाल में करीब 388 झुग्गी बस्तियां है, जिनमें डेढ़ लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. मंत्रालय के सामने ही 8 हजार करीब झुग्गियां बनी हुई हैं, जिन्हें सबसे पहले हटाया जाना है. इसके बाद राजधानी भोपाल के दूसरे इलाकों में बनी झुग्गियां हटाई जाएंगी.
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विपक्ष उठा रहा सवाल, प्रशासन जुटा तैयारियों में
राजधानी भोपाल में सरकार की इस योजना की खबर लगते ही सियासत तेज हो गयी है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा का कहना है कि, ''सरकार बिना किसी तैयारी के इस फैसले को अमलीजामा पहनाने जा रही है. जिसका नतीजा ये होगा कि राजधानी में झुग्गियों में रहने वाले हजारों लोग बेघर हो जाएंगे. शहर झुग्गी मुक्त हो पाएगा या नहीं, ये तो बाद की बात है. लेकिन लोग जरूर आवासहीन हो जाएंगे.''
वहीं, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि, ''प्रदेश के हर बडे़ शहर में झुग्गी बस्तियां हटाने की शुरूआत के पहले हमारी तैयारी ये है कि वहां रहने वाले लोगों को आवास मुहैया कराया जाएं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहले लोगों को छत मुहैया करायी जाएगी. फिर उनकी झुग्गियां तोड़ी जाएंगी. कांग्रेस हर अच्छे काम का विरोध करती है. गरीबों को पक्की छत नहीं देना चाहती है.''