बुरहानपुर।जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर पातोंडा गांव में आंगनवाडी केंद्र क्रमांक 01 व 02 के हाल बदहाल हैं. हालात ये हैं कि यहां कमरों के फर्श तक उखड गए हैं. आंगनवाडी भवन में रेत और गिट्टी बिखरी पड़ी है. भवन में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे रेत और गिट्टी में खेलते हैं. मजबूरन आंगनवाडी कार्यकर्ता व सहायिका बच्चों को बरामदे में बैठाकर पढ़ा रही हैं. भवन के जर्जर होने के चलते पैरेंट्स ने बच्चों को आंगनवाडी केंद्र में भेजना बंद कर दिया है.
अब जर्जर भवन की जांच कराने का आश्वासन
दोनों आंगनवाड़ी केंद्रों में करीब 250 से ज्यादा बच्चें दर्ज हैं, लेकिन महज 15 से 20 बच्चें ही पहुंच रहे हैं. आंगनवाडी केंद्र क्रमांक 01 में पदस्थ कार्यकर्ता अर्चना विजयवर्गीय ने बताया कि करीब 5 सालों से आंगनवाड़ी भवन जर्जर हैं. कई बार महिला बाल विकास विभाग को समस्या से अवगत कराया, लेकिन विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने अब तक कोई ठोस समाधान नहीं किया. मामला सुर्खियों में आया तो महिला बाल विकास विभाग ने जर्जर आंगनवाड़ी केंद्रों की सुध ली है. महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी महेश मेहरा ने पंचायत भवन में आंगनवाडी केंद्र लगाने का आश्वासन दिया है.