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'बिहार में अफसरशाही चरम पर'- बक्सर पहुंचे भाजपा विधायक ने लगाये ये आरोप, CM से करेंगे शिकायत - Bureaucracy in Bihar - BUREAUCRACY IN BIHAR

SC ST Welfare Committee बिहार में नीतीश कुमार पिछले 18-19 साल से सरकार चला रहे हैं. उन पर लंबे समय से यह आरोप लगता रहा है कि वे अधिकारियों के भरोसे ही सरकार चलाते हैं. बिहार में अफसरशाही चरम पर है, यह आरोप अक्सर लगता रहा है. सत्ता पक्ष के विधायक भी यह आरोप लगाते रहे हैं. ताजा मामला, बक्सर का है. विधानसभा की अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण समिति के अध्यक्ष सह भाजपा विधायक ने यह आरोप लगाये हैं. पढ़ें, विस्तार से.

रामप्रीत पासवान
रामप्रीत पासवान. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 23, 2024, 4:44 PM IST

रामप्रीत पासवान. (ETV Bharat)

बक्सर: बिहार में अफसरशाही चरम पर है. यह कहना है बिहार विधानसभा की अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण समिति का. बक्सर पहुंचे बिहार विधानसभा अनुसूचित जाति जन जाति कल्याण समिति में शामिल सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के विधायकों ने कहा कि बिहार में अफसरशाही चरम पर है. जिसके कारण लोकतंत्र खतरे में आ गया है. कमिटी के सदस्यों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करने की बात कही.

क्या है मामलाः बिहार विधानसभा की अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण समिति की सात सदस्यीय टीम दो दिवसीय दौरे पर बक्सर में है. इस दौरान जिले का कोई भी वरीय अधिकारी न तो समिति की बैठक में उपस्थित हुए और न ही कमिटी के सदस्यों से मिलने आये. जिसको लेकर कमिटी के अध्यक्ष एवं सदस्यों में घोर नाराजगी है. उनका कहना है कि इस तरही की अफसरशाही के कारण ही कमिटी की ताकत खत्म होने की कगार पर है.

"इस बात को कहने में कोई भी गुरेज नहीं है कि जिला के वरीय अधिकारी कमिटी के सदस्यों और अध्यक्ष से मिलना नहीं चाहते हैं, जो लोकतांत्रिक परम्परा के लिए ठीक नहीं है. ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, इसके लिए मुख्यमंत्री से शिकायत की जाएगी."- रामप्रीत पासवान, अध्यक्ष, SC-ST कल्याण समिति सह भाजपा विधायक

कार्रवाई की मांगः कमिटी में जहानाबाद के राजद विधायक सतीश कुमार भी हैं. उन्होंने, नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इससे ज्यादा हास्यस्पद क्या होगा कि विधानसभा की सात सदस्यीय कमिटी बक्सर में दो दिनों से है. उसके बाद भी जिलाधिकारी और एसपी, कमिटी की बैठक में नहीं आये और न ही मिलने के लिए आये हैं. ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई हो इसके लिए मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत की जाएगी. नीतीश कुमार के शासन में कमिटी की ताकत घटी है.

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