बीएसएफ महिला स्नाइपर सुमन मंडी:बीएसएफ में देश की पहली महिला स्नाइपर बनने के बाद मंडी जिले के तुंगल घाटी की सुमन ठाकुर बुधवार को जैसे ही जब अपने घर कुटल पहुंची तो मां की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. मां ने आरती उतार कर बहादुर बेटी का स्वागत किया और फिर कसकर गले लगाया. वहीं इसके पूर्व क्षेत्र वासियों व जिला परिषद सदस्य चंपा ठाकुर ने भी सुमन ठाकुर का जोरदार स्वागत किया. गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल के इंदौर स्थित युद्ध कौशल विद्यालय में आठ हफ्तों की कठिन प्रशिक्षण में अच्छा रैंक लेकर सब इंस्पेक्टर सुमन ने पहली महिला स्नाइपर बनने का मुकाम हासिल किया है. 56 मर्दों के बीच अकेली महिला ने प्रशिक्षण लेकर बहादुरी दिखाई है.
माता पिता बोले बेटी ने पूरा किया सपना
माता पिता के साथ सुमन ठाकुर. खुशी के इस मौके पर आंखों से छलकते अश्रुधारा के बीच में सुमन ठाकुर की माता माया देवी ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर नाज है. उनकी बेटी ने बहादुरी के दम पर अपने साथ साथ आज उनका नाम भी पूरी दुनिया में रोशन किया है. इस उपलब्धि के लिए उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है. इस मौके पर पिता ने दिनेश कुमार ने कहा कि सुमन की बचपन से ही सेना में जाने का सपना है और उनकी बेटी ने इस सपने को न केवल पूरा किया है, बल्कि बड़ा मुकाम भी हासिल किया है. वहीं चंपा ठाकुर ने भी बधाई देते हुए सभी लड़कियों को उनसे प्रेरणा लेने की बात कही.
'जिंदगी में कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए'
वहीं, इस मौके 28 वर्षीय सुमन ठाकुर ने बताया कि 2019 में परीक्षा देने के बाद वह 2021 में बीएसएफ में भर्ती हुईं. स्वेच्छा से उन्होंने स्नाइपर कोर्स के लिए आवेदन किया. सीनियर्स ने भी उसकी बहादुरी को देखते हुए उसका मनोबल बढ़ाया और कोर्स के लिए मंजूरी दे दी. 8 महीना के इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने बताया कि बचपन से ही उनके माता-पिता का हर क्षेत्र में बहुत सहयोग रहा है, जिस कारण पर आज इस मुकाम पर पहुंच पाई हैं. इस मौके पर उन्होंने युवा पीढ़ी व महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि जिंदगी में कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. कर्तव्य पथ पर चलते रहे एक दिन सफलता जरूर मिलेगी.
स्नाइपर्स 3 KM दूर से लगा सकते हैं सटीक निशाना
बता दें कि प्रशिक्षित स्नाइपर बेहद ही कठिन प्रशिक्षण के बाद निर्धारित दूरी से एसएसजी समेत अन्य बंदूकों से सटीक निशाना लगाने में सक्षम होते हैं. इन्हें दुर्गम परिस्थितियों में अपनी पहचान छुपाकर कार्रवाई करने की विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है. यह तीन किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी से दुश्मन पर अचूक निशाना लगा सकने में सक्षम होते हैं. प्रशिक्षण में कठिन से कठिन पड़ाव में सुमन कुमारी ने हिम्मत नहीं हारी और आखिरी तक डटी रहीं. आठ सप्ताह के कठिन बीएसएफ स्नाइपर कोर्स में "इंस्ट्रक्टर ग्रेड" पाने वाली पहली महिला का खिताब भी सुमन कुमारी के नाम हो गया है. सुमन के पिता इलेक्ट्रिकल ठेकेदार हैं, जबकि माता गृहिणी हैं. उनकी एक बहन सुषमा ठाकुर डॉक्टर हैं तो भाई विक्रांत ठाकुर बीटेक इलेक्ट्रिकल पास हैं.
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