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बीपीएससी टॉपर उज्जवल कुमार : IIT इंजीनियर बने, सरकारी नौकरी की, फिर भी लक्ष्य को नहीं भूले

बीपीएससी 69वीं परीक्षा का फाइनल रिजल्ट आ गया है. इंटरव्यू में शामिल 1295 में 470 अभ्यर्थी सफल हुए. उज्ज्वल कुमार उपकार ने टॉप किया है.

बीपीएससी टॉपर उज्जवल कुमार
बीपीएससी टॉपर उज्जवल कुमार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 27, 2024, 10:16 PM IST

Updated : Nov 27, 2024, 10:24 PM IST

सीतामढ़ी :कहते हैं लक्ष्य से कभी भटकना नहीं चाहिए. कुछ ऐसा ही बीपीएससी टॉपर उज्जवल कुमार उपकार ने कर दिखाया है. वह कह रहे हैं कि काफी कुछ जिंदगी में देखा है. जो मौका मुझे मिला है उसमें समाज सेवा करने की पूरी कोशिश करूंगा.

'ये मेरे लिए सपने जैसा' :उज्ज्वल ने बताया कि, 'मैं सीतामढ़ी जिले का निवासी हूं. वर्तमान में मैं प्रखंड कल्याण पदाधिकारी गोरौल, वैशाली जिले में पदस्थापित हूं. 69वीं बीपीएससी में मेरी रैंक 1 आई है. मुझे बिहार पुलिस सर्वेसेज मिला है. ये मेरे लिए सपने जैसा है. मुझे विश्वास था कि मेरा रिजल्ट होगा, लेकिन ये नहीं पता था कि मेरा रैंक 1 आएगा.

उज्जवल कुमार (ETV Bharat)

''मैंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा दी. क्योंकि वेल्फेयर ऑफिसर के रूप में मेरा रेंज लिमिटेड था. मेरा कल्याण का कार्य एससीएसटी वर्गों तक ही सिमित था. लेकिन डीएसपी के तौर पर मैं पूरे समाज की सेवा कर पाऊंगा. आज जो पुलिस और समाज के बीच एक गैप बन गया है. उसे भरने की कोशिश करूंगा.''- उज्ज्वल कुमार उपकार, बीपीएससी टॉपर

मां आंगनबाड़ी सेविका, पिता शिक्षक : उज्ज्वल ने बताया कि, मैं ग्रामीण क्षेत्र से आता हूं. मेरा घर सीतामढ़ी जिले के नारायणपुर प्रखंड के रायपुर गांव में हैं. मेरे पिता ने भी हम लोगों के लिए बहुत कुछ किया. वे एक प्राइवेट टीचर हैं, मां आंगनबाड़ी सेविका हैं. हम दो भाई एक बहन हैं, बहन भी 1-5 में बीपीएससी शिक्षिका और भाई ग्रेजुएशन कर रहा हैं.

उज्जवल कुमार (ETV Bharat)

''मेरी पढ़ाई लिखाई गांव में हुई. 11वीं और 12वीं की पढ़ाई सीतामढ़ी से की है. एनआईटी उत्तराखंड से इंजीनियरिंग की. इसके बाद दिल्ली में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी की. मैं 10 से 5 नौकरी करता था, उसके बाद अपनी पढ़ाई जारी रखता था.''- उज्ज्वल कुमार उपकार, बीपीएससी टॉपर

'पहली रैंक की उम्मीद नहीं थी' : उज्ज्वल ने बताया कि मैंने कड़ी मेहनत की थी, इसलिए मुझे पता था कि नतीजें अच्छे आएंगे. लेकिन पहला रैंक, ऐसी उम्मीद नहीं थी. लेकिन सरकारी नौकरी (प्रखंड कल्याण पदाधिकारी) के बावजूद फिर से परीक्षा क्यों? इस सवाल पर उज्जवल कहते हैं कि डीएसपी बनने के बाद समाज के साथ देश सेवा का भी मौका मिलता है. मेरी जिदंगी में मेरे दोस्तों का भी काफी योगदान था. मेरा एक रुममेट दो सालों से मेरे साथ है, उसका भी 20वां रैंक आया है.

उज्जवल कुमार (ETV Bharat)

'रिश्तेदार कहते थे, ये लड़का कुछ नहीं बनेगा' : उज्ज्वल बताते हैं कि, जब मैं मैट्रिक में था तो कुछ रिश्तेदार ने कहा कि ये लड़का नहीं पढ़ने वाला है. उनकी सोच ऐसी थी, लेकिन मैं पढ़ाई में कमजोर नहीं था. इसके बाद मैंने इंजीनियरिंग की, मैंने वो नौकरी भी छोड़ दी. सिविल सर्विसेज की तरफ गया. काफी लोगों ने कहा कि इतना रिस्क नहीं उठाना चाहिए. मेरे मां पिताजी को रिश्तेदार और पड़ोसियों से काफी कुछ सुनना भी पड़ा. लेकिन मेरे घरवालों ने मुझ पर विश्वास रखा.

बीपीएससी टॉपर उज्जवल कुमार (ETV Bharat)

''बचपन में क्रिकेट खेलने के शौक के कारण, रिश्तेदारों से अक्सर सुनने को मिलता था कि ये लड़का बड़ा होकर कुछ नहीं करेगा. भले ही खेल कूद में मेरा मन ज्यादा लगता था, लेकिन मैं पढ़ाई में कमजोर नहीं था. परीक्षा में मुझे अच्छे नंबर आते थे.''- उज्ज्वल कुमार उपकार, बीपीएससी टॉपर

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Last Updated : Nov 27, 2024, 10:24 PM IST

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