रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा केंद्र के इशारे पर सीआरपीएफ के साथ मिलकर राज्य में राष्ट्रपति शासन के हालात उत्पन्न करने के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे में फंसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनता का ध्यान बांटने के लिए जानबूझ कर झारखंड को अराजकता में झोंकना चाहते हैं.
झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी जब मुख्यमंत्री आवास में सीएम हेमंत सोरेन का बयान दर्ज कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री आवास के चारों ओर हजारों की संख्या में तीर-धनुष और हथियार के साथ कार्यकर्ताओं को बुलाकर मुख्यमंत्री कौन सा संवैधानिक प्रक्रिया का पालन कर रहे थे.
क्या केंद्रीय एजेंसी को डराना चाहती हा झामुमो-प्रतुलः भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं को बताना चाहिए कि ईडी द्वारा बयान दर्ज कराने के दौरान जिस तरह का माहौल झामुमो के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा बनाया गया तो क्या वह देश की न्यायिक व्यवस्था, न्यायाधीशों, केंद्रीय एजेंसियों या देश के संविधान को डराना चाह रहे थे?
राज्य सरकार संवैधानिक मर्यादा का नहीं कर रही पालन-प्रतुलः प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पूछताछ के दौरान जिस तरीके से झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री आवास के बाहर ईडी और केंद्र सरकार, भाजपा के खिलाफ भड़काऊ नारे लगा रहे थे, धारा 144 का उल्लंघन किया गया क्या वह शोभनीय था. टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर झामुमो के नेताओं द्वारा लगातार ईडी और सीआरपीएफ पर हमला और सेंदरा करने जैसी बात कही जा रही थी, क्या यह ठीक था? अगर वास्तव में सरकार संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करना चाहती है तो फिर अभी तक वैसे लोगों पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं कि गई. वैसे तत्वों के खिलाफ कोई भी मुकदमा अभी दर्ज नहीं होना यह सिद्ध करता है कि यह सारा प्रदर्शन स्टेट द्वारा प्रायोजित था.