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बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार मदन राठौड़ बोले - पीएम के एक आदेश पर कर लिया था टिकट विड्रो, धैर्य का फल मिला

बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार मदन राठौड़ ने पार्टी नेतृत्व का आभार जताते हुए कार्यकर्ताओं को धैर्य रखने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि टिकट नहीं मिलने की स्थिति में निर्दलीय नामांकन दाखिल किया,लेकिन पीएम मोदी के एक आदेश के बाद बिना कुछ सोचे नामांकन वापस कर लिया था.

राज्यसभा उम्मीदवार मदन राठौड़
राज्यसभा उम्मीदवार मदन राठौड़

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 13, 2024, 3:42 PM IST

Updated : Feb 13, 2024, 3:59 PM IST

राज्यसभा उम्मीदवार मदन राठौड़ से खास बातचीत

जयपुर. बीजेपी ने राज्यसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पूर्व विधायक मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को बीजेपी ने राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है. राज्यसभा उम्मीदवार बनाने के बाद मदन राठौड़ ने Etv भारत ने ख़ास बात करते हुए पार्टी नेतृत्व का आभार जताते हुए कार्यकर्ताओं को धैर्य रखने की सलाह दी.

उन्होंने कहा कि पार्टी में नेता और कार्यकर्ता को धैर्य रखना चाहिए, आप के काम को पार्टी नेतृत्व देख रहा होता है. मेरा जब टिकट कटा तो मैंने निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया, लेकिन पीएम मोदी का एक आदेश पर बिना कुछ सोचे नामांकन वापस ले लिया. सवाल पूछने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने कलपुर्जे जहां उपयोगिता लगी वहां उपयोग में लिया.

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पार्टी जहां उचित समझे वहां इस कलपुर्जे का उपयोग करे: मदन राठौड़ ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व का आभार जताया और कहा कि उन्होंने मुझे इस जिम्मेदारी के लायक समझा. राठौड़ ने कहा कि पार्टी को जहां लगा वहां इस कलपुर्जे का उपयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि कई बार व्यक्ति की अपनी उम्मीद होती है कि मुझे विधानसभा में जाना चाहिए, लेकिन पार्टी को लगता है कि नहीं यह हो यहां नहीं इसको दूसरी जगह भेजना है, पार्टी वहां भेजती है. मुझे तो लगता है कि पार्टी ने सही निर्णय किया है और मैं पार्टी की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करुंगा. साथ ही जो भी क्षेत्र की जनता का जो भला कर सकते हैं हम वहां बैठ करके भी करेंगे.

बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार मदन राठौड़

पीएम मोदी का एक लाइन का आदेश और कर लिया नामांकन विड्रो:मदन राठोड ने 2023 के विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि यह बात बिल्कुल सही है कि मुझे टिकट नहीं दिया गया तब बहुत निराशा हुई. मुझे लगा मैंने 2003 में एमएलए बना था, कांग्रेस की बीना काक हराया था, 2008 में मुझे टिकट नहीं दिया, वहां बीजेपी हारी और कांग्रेस से बीना काक जीत गई. 2013 में फिर मुझे टिकट दिया गया सबसे ज्यादा वोटों से जीत करके आया, फिर 2018 में टिकट नहीं दिया, फिर भी मैने ईमानदारी से पार्टी का काम किया, अनुशासित सिपाही बन करके काम किया. फिर भी 2023 में सोचे की टिकट मिलेगा लेकिन नहीं मिला, उस वक्त थोड़ा सा मन में ऐसा लगा कि ऐसा मेरे साथ क्यों हुआ ? मन ख़राब हुआ तो निर्दलीय चुनव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल कर दिया. इसके बाद फिर एक निर्देश भी मिला, और कहा गया जाओ विड्रो करो वो सन्देश पीएम मोदी का था. राठौड़ ने बताया कि वो क्षण ऐसा था कि आप किसी तरह की स्थिति में नहीं होते हो, कुछ संकेत नहीं, सीधा था और मैंने आदेश की पालना की. कोई कंडीशन नहीं थी, कुछ भी नहीं था, बिल्कुल केवल पार्टी का आदेश मानना था, राष्ट्रीय नेतृत्व हमारे पीएम मोदी का आदेश मानना था. उसके बाद निश्चित हो गया था की पार्टी जहां ठीक समझे, मेरा उपयोग करेगी मैं सिर्फ सिपाही की तरह आदेश की पालना करूंगा. अब पार्टी ने यहां मौका दिया था, यहां काम करेंगे.

धैर्य रखना चाहिए , कुंठा नही

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देखने वाला देख रहा होता है :मदन राठौड़ ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि बीजेपी में कंडीशन नाम की चीज नहीं होती है, सीधा आदेश होता है. उसमे आप अपनी कंडीशन नहीं रख सकते कि मेरा क्या होगा ? मैं क्या करूँगा ? ऐसा कुछ नहीं होता है, और न कोई कहने की हिम्मत कर सकता है. सीधा आदेश की पालना करनी होती है और कोई भी सवाल जवाब करें और शर्तें रख तो कोई मानने वाले हैं नहीं. इसलिए वह कोई बात ही नहीं है, हमनें विड्रो किया, लेकिन ये हमेशा नेता और कार्यकर्ता को ध्यान रखना निष्ठा के साथ सच्चे सिपाही की तरह अगर आप काम कर रहे हो तो आप को देखने वाले है, आप को देखा जा रहा है, इस पार्टी की सबसे बड़ी बात ही यही कि यहां आम और खास सभी को देखा जाता है.

धैर्य रखना चाहिए , कुंठा नही:मदन राठौड़ ने कहा कि आम कार्यकर्ताओं से भी यही कहना चाहूंगा कि नेतृत्व पर भरोसा रखें, विश्वास कायम रखें , अनुशासन बनाए रखें, धैर्य रखेंगे तो निश्चित रूप से पारितोषिक मिलेगा . हर व्यक्ति को मौका मिलेगा , इसलिए काम खूब है, इस देश और जनता की सेवा करने के लिए सेवक बनाकर के राजनीति में जो आया है उसके मन में कभी भी कुंठा पैदा नहीं होगी, उसके मन में कभी भी विकृति पैदा नहीं होगी, उसके मन में यही रहेगा कि कहीं भी सेवा करने का मौका मिलेगा वहीं करूँगा , राजनीति में सेवा करने के लिए आते हैं कोई बिजनेस लेकर के तो नहीं आए, राजनीति में तो सेवक बनाकर के आए हो तो सेवा करनी है.

Last Updated : Feb 13, 2024, 3:59 PM IST

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