नाहन: मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बढ़ते विवाद को देख भाजपा ने किनारा कर लिया है. पार्टी ने कंगना के बयान से खुद को अलग करते हुए सांसद को भविष्य में इस तरह का बयान न देने के लिए निर्देशित किया है. वहीं, भाजपा के नेता भी कंगना के बयान पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बचते नजर आ रहे हैं.
इसी कड़ी में नाहन पहुंचे से शिमला सांसद सुरेश कश्यप से जब मीडिया ने कंगना के बयान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार किया, लेकिन साथ-साथ यह भी कहा कि वह खुद भी एक किसान है. गौरतलब है कि कृषि कानून बिल के विरोध में हुए किसान आंदोलन पर पिछले दिनों कंगना रनौत रनौत ने विवादित बयान दिया था, जिस पर सांसद सुरेश कश्यप कुछ भी कहने से बचते नजर आए.
जब कंगना के बयान को लेकर सांसद से मीडिया ने सवाल किया तो सुरेश कश्यप ने कहा, "किसी के व्यक्तिगत ब यान पर वह टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए उचित दिशा निर्देश जारी किए है. इसलिए इससे अधिक टिप्पणी शायद उन्हें नहीं करनी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और किसानों की समस्याओं का समय-समय पर निदान किया जाता है. साथ ही वह भी एक किसान है और खुद भी खेती बाड़ी करते हैं. इसलिए खुद कृषक होने के नाते वह किसानों की भावनाओं को भी समझते हैं. इसलिए किसी के बयान पर वह कोई टिप्पणी करें, वह उनके लिए उचित नहीं है".
वहीं, सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना को संशोधित कर यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) का कर्मचारियों को बहुत बड़ी सौगात देने का काम किया है. जो यूनिफाइड पेंशन स्कीम है, वह बिल्कुल ओल्ड पेंशन स्कीम की तरह की है. इसमें और अधिक सुधार किया गया है, क्योंकि पहले 10 वर्ष से कम सेवाएं थी, उसके लिए पेंशन नहीं मिलती थी, लेकिन उसका भी प्रावधान किया गया है. 25 वर्ष या उससे अधिक की सेवाएं जिनकी है, उनको पूरे एक साल के वेतन का 50 प्रतिशत देने के साथ-साथ डीए इत्यादि और न्यूनतम 10 हजार रुपए निर्धारित की गई है. यह कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ा तोहफा है.