रांची:संविधान हत्या दिवस पर झामुमो की तीखी प्रतिक्रिया का भाजपा ने भी जवाब दिया है. प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कांग्रेस ने 25 जून, 1975 को संविधान की हत्या का प्रयास किया था. देश के सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकार छीन लिए गए थे. आज झारखंड मुक्ति मोर्चा को इमरजेंसी की तिथि को संविधान हत्या दिवस मनाने पर इतनी मिर्ची लग रही है कि वह बौखला गई है.
प्रतुल ने कहा यह सिर्फ सत्ता में बने रहने का लोभ है जो झारखंड मुक्ति मोर्चा को उसके पुराने इतिहास को भी भूलने को मजबूर कर रहा है. प्रतुल ने आश्चर्य व्यक्त किया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा आज यह भूल गया है कि शिबू सोरेन इसी इमरजेंसी के दौर में सरकार के दमनकारी नीतियों के खिलाफ जंगलों में छिपकर आंदोलन किया करते थे.
प्रतुल ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता की फर्जी दुहाई देने वाला झारखंड मुक्ति मोर्चा इमरजेंसी के उस काले दौर को भूल गया जब अखबारों के प्रथम पृष्ठ को केंद्र सरकार का पीआरडी डिपार्टमेंट अप्रूव करता था. प्रतुल ने कहा कि बिना बेल प्रोविजन वाले मीसा कानून के जरिए तो सैकड़ों राजनीतिज्ञ, बुद्धिजीवी और पत्रकारों को वर्षों तक जेल में बंद करके रखा गया.
आरएसएस जैसे सामाजिक संगठनों को टारगेट किया गया और उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया. आरएसएस प्रमुख की गिरफ्तारी हो गई. तीन सबसे सीनियर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की वरीयता को नजरअंदाज करते हुए वरीयता क्रम में चौथे वरीय न्यायाधीश को सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बना दिया गया.