रांचीः एक दौर था जब झारखंड के अधिकारी आउट ऑफ कंट्रोल रहा करते थे. उनका इतना खौफ हुआ करता था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के बावजूद आम लोग अपनी समस्याएं नहीं रख पाते थे. लेकिन अब व्यवस्था बदली है. लोग खुलकर अधिकारियों के सामने अपनी बात रखते हैं. ये बातें झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में कही.
टाल-मटोल की नीति से लोग परेशान
मंत्री ने कहा कि आम लोगों की समस्याओं से जुड़ी कई ऐसी छोटी-छोटी बातें हैं जिनका निदान हो सकता है, लेकिन टाल-मटोल की वजह से लोग परेशान हैं. अबुआ आवास आवंटन और गंभीर बीमारी योजना का लाभ नहीं मिलने पर लोगों को दूर-दूर से यहां आना पड़ रहा है, लेकिन कई ऐसे भी मुद्दे हैं जिनका समाधान हाई लेवल की मीटिंग के बगैर संभव नहीं है. इसलिए लोगों की समस्याओं को सॉल्व करने के लिए सिस्टम डेवलप करना होगा.
पलामू से पहुंचे फरियादी ने सुनाई व्यथा
आपको बता दें कि कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के जनता दरबार में छोटानागपुर और पलामू प्रमंडल से ज्यादातर लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे थे. इस क्रम में पलामू के तरहसी थाना क्षेत्र निवासी अरुण कुमार साव ने बताया कि वह एक जमीन के टुकड़े को लेकर 1 अप्रैल 1999 से परेशान थे, क्योंकि अंचल और राजस्व कर्मी की लापरवाही से एक जमीन की दो रसीद काटी जा रही थी. इसके लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. राज्यपाल तक मामला लेकर गए. तब जाकर साल 2017 में छह लोगों की अवैध जमाबंदी रद्द हुई.अब इस जमीन का कुछ हिस्सा नहर में चला गया है, लेकिन भू अर्जन पदाधिकारी की लापरवाही की वजह से मुआवजे का 17 लाख रुपये नहीं मिल रहा है. जनता दरबार के दौरान कृषि मंत्री शिल्पी नेहा ने कई मामलों का निपटारा संबंधित जिलों के अधिकारियों से फोन पर बात करके सॉल्व कर दिया.
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