बीकानेर. अब तक अलग-अलग समाजों के स्तर पर सामूहिक विवाह का नजारा देखने को मिला है, जहां एक ही मंडप में कई दूल्हा-दुल्हन एक साथ एक-दूसरे के हमसफर बनते हैं, लेकिन बीकानेर में नोखा के लालमदेसर गांव में पिछले दिनों एक परिवार ने एक साथ दो मिसाल कायम की. एकल परिवार की जगह संयुक्त परिवार का महत्व बताने के साथ ही विवाह समारोह में खर्चों को सुनियोजित करने की इस परिवार ने नजीर पेश की. इसके तहत परिवार के एक दादा ने अपने सभी पोते-पोतियों की एक साथ शादी करवाई, जो इलाके में चर्चा का विषय बन गया है.
दरअसल, सामूहिक विवाह में कई जोड़ों को एक साथ परिणय सूत्र में बंधते तो आपने देखा होगा, लेकिन इस परिवार में दादा के 17 पोते-पोतियों की शादी एक साथ हुई. चचेरे भाई-बहनों की एक साथ शादी की बात सुनकर हर कोई परिवार की तारीफ में कसीदे पढ़ता नजर आया.
17 भाई-बहनों की शादी का कार्ड 12 बहनें एक साथ बनीं दुल्हन :लालमदेसर छोटा गांव में एक ही घर में संयुक्त परिवार में रहने वाली 12 चचेरी बहनें एक साथ दुल्हन बनी और एक ही दिन सब की शादी हुई. इन दुल्हनों के साथ शादी करने के लिए 12 दूल्हे बारात लेकर पहुंचे. क्षेत्र में पहली बार इस तरह का आयोजन देखने को मिला. इस नवाचार के चलते हर कोई बारात देखने और उनकी खातिरदारी में नजर आया.
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एक दिन पहले पांच भाइयों की शादी : दरअसल, बहनों की शादी से एक दिन पहले पांच चचेरे भाई एक साथ दूल्हे बने और उनकी शादी के अगले दिन उनकी बहनों की शादी हुई. गांव के बुजुर्ग सुरजाराम गोदारा ने अपने संयुक्त परिवार और किफायती शादी दोनों की मिसाल कायम की. गोदारा ने अपने 17 पोते-पोतियों का एक साथ विवाह का आयोजन रखा. इसके लिए शादी का निमंत्रण कार्ड भी एक ही छपाया गया. अपने पांचों दूल्हों की निकासी एक साथ एक ही घर से निकाली गई. सभी पौत्रियों की आई बारात का स्वागत भी एक ही जगह किया गया.