पटनाः शिक्षा विभाग केअतिरिक्त मुख्य सचिव के के पाठक तो केंद्रीय प्रतिनियुक्तिपर चले गये, लेकिन अफसरशाही को लेकर बिहार में घामसान जारी है. इसकी गूंज एक बार फिर बिहार विधानसभा में सुनाई पड़ी जब इस मुद्दे को लेकर बीजेपी विधायक मिथिलेश कुमार ने अपनी ही सरकार को घेरा. विपक्षी सदस्यों ने भी मिथिलेश कुमार का जोरदार समर्थन किया.
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग: सीतामढ़ी से बीजेपी विधायक मिथिलेश कुमार ने विधानसभा में ये मुद्दा उठाया और कहा कि 'समय मांगने के बावजूद एसपी या डीएम समय नहीं देते हैं. जब अधिकारी समय नहीं देंगे तो हमलोग क्षेत्र के लोगों का काम कैसे करवाएंगे. उन्होंने सरकार से मांग की कि"ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए."
27 फरवरी को निकला है नया आदेशः विधायक के सवाल पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि "वैसे तो पहले से ही ये व्यवस्था है कि एसपी-डीएम सप्ताह में कम से कम एक दिन का समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दें, एक बार फिर से 27 फरवरी को सभी जिलों के डीएम-एसपी, कमिश्नर,आईजी,डीआईजी से लेकर तमाम बड़े अधिकारियों को इस संबंध में निदेशित किया गया है."
मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं दिखे विधायक:सरकार के जवाब से न सिर्फ बीजेपी विधायक बल्कि आरजेडी के ललित यादव और समीर महासेठ भी असंतुष्ट होकर खड़े हो गए और मांग करने लगे कि वैसे अधिकारी पर सख्त कार्रवाई हो, जो विधायकों-सांसदों से मुलाकात नहीं करते. इस पर प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि "निश्चित रूप से जानकारी मिलने पर वैसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.'