पटना :बिहार में जहरीली शराब पीने से 35 लोगों की मौत हुई है. ये मौतें बिहार के सिवान और छपरा में हुई हैं. सरकारी आंकड़ों की माने तो अब तक दोनों जिलों में 25 लोगों ने अपनी जान गंवाई. जबकि 70 से ज्यादा लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं, कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. सवाल ये है कि बिहार में शराबबंदी के आठ साल बीत चुके हैं, फिर भी जहरीली शराब से मौतें थम क्यों नहीं रहीं?
जहरीली शराब से मौत, NCRB डेटा चौंकाने वाला : बिहार के मुख्यमंत्री कहते हैं कि शराबबंदी के बावजूद लोग चोरी-छिपे शराब पी रहे हैं. ऐसे में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत भी हो रही है. इधर, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों की मानें तो देश में हर साल नकली शराब से हजारों लोगों की जान चली जाती है, जबकि बिहार के आंकड़े चौंकाने वाले है.
क्या छिपाए जाते हैं मौत के आंकड़े? : वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय बताते हैं कि एनसीआरबी के आंकड़ों (सरकारी आंकड़ा) से अलग जहरीली शराब पीने से हुई मौत का वास्तविक आंकड़ा कुछ अलग होता है. दरअसल, कई बार परिजन कानून के डर से पुलिस के पास नहीं जाते है, मामले को छुपा लेते हैं. कई बार तो परिजन चोरी छिपे मृतक का अंतिम संस्कार तक कर देते हैं.
बिाहार में शराबबंदी फेल क्यों? :अरुण पांडेय कहते हैं कि ''यह घटना पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता है, लगता है कि सरकार की हनक समाप्त हो गई है. यहां शराब, नकली शराब एवं जहरीली शराब तीन तरह की शराब बिक रही. शराबबंदी के कारण बिहार में पिछले 8 वर्षों में 12 लाख मामले दर्ज हुए हैं. पिछले वर्ष डेढ़ सौ से अधिक लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई. खुद मंत्री भी मानते हैं कि बिहार में शराब की तो होम डिलीवरी होती है. इसमें गरीब लोग देसी शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं.''
एक बार फिर से शराबबंदी पर सवाल : बिहार में अप्रैल, 2016 से शराबबंदी कानून लागू है. फिर भी शायद ही ऐसा कोई दिन या महीना बीतता है, जब मीडिया में शराब बरामदगी खबर न बने. बिहार के सिवान और सारण में जहरीली शराब से 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई तो एक बार फिर से शराबबंदी पर सवाल उठने लगे हैं.
बिहार में 2016 से शराबबंदी :साल 2015, बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने शराबबंदी का वादा किया था. भले नीतीश कुमार ने अपना वादा बाद में निभाया लेकिन नतीजे उन्हें उसी साल विधानसभा चुनाव में देखने को मिले, महिलाओं ने जमकर वोटिंग की. इसके बाद 1 अप्रैल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई.
इन राज्यों में शराबबंदी कानून :बिहार के अलावा देश के पांच राज्यों में शराबबंदी कानून लागू है. 1960 में सबसे पहले गुजरात, इसके बाद मिजोरम, नागालैंड और लक्षद्वीप में पूर्ण शराबबंदी लागू है. बाद में साल 1991 में मणिपुर में शराबबंदी कानून लाया गया लेकिन, बाद में वहां की सरकार ने इसमें छूट दे दी. इसके पीछे दलील थी कि राजस्व का नुकसान हो रहा था.