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25 फीसदी छात्रों को देना होगा फीस में छूट, निजी विश्वविद्यालयों को शिक्षा विभाग का निर्देश - BIHAR EDUCATION DEPARTMENT

बिहार शिक्षा विभाग ने निजी विश्वविद्यालयों के लिए नया निर्देश जारी किया है. अब 25 प्रतिशत विद्यार्थियों को फीस में छूट मिल सकती है.

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विद्यार्थियों को फीस में छूट (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 24, 2024, 1:13 PM IST

पटना: बिहार के शिक्षा विभाग ने राज्य में संचालित निजी विश्वविद्यालयों के लिए निर्देश दिया है. राज्य के नियम के अनुसार 25 प्रतिशत विद्यार्थियों को फीस में छूट दी जाए. इसके अलावा यह भी निर्देश दिया गया है कि समर्थ पोर्टल को अपने यहां लागू करें और विश्वविद्यालयों की गतिविधियों से संबंधित रिपोर्ट विभाग को दें.

किसे मिलेगी फीस में छूट:वहीं नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी पर विद्यार्थियों के प्रमाणपत्रों को अपलोड करने को भी कहा गया है. यह तमाम निर्देश शिक्षा विभाग ने निजी विश्वविद्यालय के पदाधिकारीयों के साथ बैठक के बाद दिए हैं. गौरतलब हो कि निजी विश्वविद्यालयों को नियमानुसार कुल नामांकित विद्यार्थियों में से 25 प्रतिशत एससी, एसटी, ओबीसी, ईबीसी और महिलाओं को फीस में छूट देनी है.

20 परसेंट छात्रों को 100 परसेंट की छूट:कुल 25 प्रतिशत विद्यार्थियों में से 20 प्रतिशत को फीस में शत-प्रतिशत छूट दी जानी है. शेष 5 प्रतिशत की फीस में 25 और 50 प्रतिशत की छूट देनी है. निजी विश्वविद्यालय के पदाधिकारीयों के साथ बुधवार को बैठक की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने की. उन्होंने निजी विश्वविद्यालय में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लोकप्रिय बनाने की अपील की है. इस बैठक में विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी, उप निदेशक दिवेश कुमार आदि उपस्थित रहे.

राष्ट्रीय स्तर के नवाचारों को अपनाए विश्वविद्यालय: बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने निजी विश्वविद्यालयों को कहा कि वे अपनी शैक्षिक गुणवत्ता में सतत सुधार करते हुए उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता की मिसाल बनें. उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे श्रेष्ठतम नवाचारों को अपनाते हुए एक रोल मॉडल के रूप में कार्य करना चाहिए, ताकि ये संस्थान उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक बन सकें.

"विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे श्रेष्ठतम नवाचारों को देखते हुए एक रोल मॉडल के रूप में काम करना चाहिए. जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी अपनी पहचान स्थापित कर सकें. पाठ्यक्रम सामग्री की गुणवत्ता और उद्योग से जुड़ाव अत्यंत महत्वपूर्ण है. जिससे छात्रों को बेहतर प्लेसमेंट के अवसर मिल सकें."- सुनील कुमार, शिक्षा मंत्री

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