पटना:बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं. जो जानकारी मिल रही है बिहार सरकार ने उनके एक्सटेंशन के लिए केंद्र को लेटर नहीं भेजा है. ऐसे में तय है कि 31 अगस्त को बिहार को नया मुख्य सचिव मिल जाएगा. नए मुख्य सचिव को लेकर कई नाम पर चर्चा हो रही है, लेकिन उसमें सीनियरिटी के हिसाब से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए अमृतलाल मीणा और बिहार में विकास आयुक्त की कमान संभाल रहे चैतन्य प्रसाद का नाम सबसे आगे है.
कौन लेगा ब्रजेश मेहरोत्रा का स्थान?: चैतन्य प्रसाद 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं तो उनसे एक साल सीनियर 1989 बैच के अमृतलाल मीणा हैं. दोनों बिहार सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों को संभाल चुके हैं. अमृतलाल मीणा यदि मुख्य सचिव बनते हैं तो चैतन्य प्रसाद विकास आयुक्त के पद पर बने रहेंगे. यदि चैतन्य प्रसाद को मुख्य सचिव बनाया जाता है तो नीतीश कुमार को विकास आयुक्त के पद के लिए नए आईएएस अधिकारी की तलाश करनी होगी. ट्रेंड यह भी रहा है कि जो विकास आयुक्त रहता है उसे ही मुख्य सचिव नीतीश कुमार बनाते रहे हैं लेकिन कई बार अलग हटकर भी निर्णय नीतीश कुमार लेते रहे हैं.
अगस्त में रिटायर हो रहे हैं ब्रजेश मेहरोत्रा: वर्तमान मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और 31 अगस्त को कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इसी साल 4 मार्च को ब्रजेश मेहरोत्रा को मुख्य सचिव बनाया गया था. ब्रजेश मेहरोत्रा से पहले आमिर सुबहानी बिहार के मुख्य सचिव थे, लेकिन रिटायरमेंट के अंतिम महीने में बीआरएस ले लिया. नीतीश सरकार ने उन्हें विद्युत विनियामक आयोग का अध्यक्ष बनाया है.
नीतीश सरकार ने एक्सटेंशन के लिए नहीं की पहल: सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है ब्रजेश मेहरोत्रा के एक्सटेंशन को लेकर बिहार सरकार ने अभी तक कोई पहल नहीं की है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि बिहार को नया मुख्य सचिव मिलेगा. ब्रजेश मेहरोत्रा के रिटायर होने के बाद 8 आईएएस अधिकारी मुख्य सचिव स्तर के बिहार में बच जाएंगे जिसमें से चैतन्य प्रसाद पहले नंबर पर हैं.
बिहार में 359 पद.. कई खाली: बिहार में प्रशासनिक स्तर पर 359 पद स्वीकृत हैं, उसमें से अभी बिहार में मुख्य सचिव स्तर के 10 पदाधिकारी हैं जिसमें विवेक कुमार सिंह बीआरएस ले चुके हैं . नीतीश कुमार ने उन्हें रेरा का अध्यक्ष बनाया है . ऐसे में नौ मुख्य सचिव स्तर के पदाधिकारी बचे हैं. ब्रजेश मेहरोत्रा अगस्त में रिटायर हो रहे हैं. उनके अलावा चैतन्य प्रसाद 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. 13.जुलाई, 2025 में इनका कार्यकाल पूरा हो रहा है.
केके पाठक भी 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. 31 जनवरी, 2028 में इनका कार्यकाल पूरा होगा. 1991 बैच के अधिकारियों में प्रत्यय अमृत और एस सिद्धार्थ हैं, दोनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते अधिकारियों में से हैं. जहां प्रत्यय अमृत का कार्यकाल 31 जुलाई 2027 में समाप्त होगा तो वहीं एस सिद्धार्थ का कार्यकाल 30 नवंबर, 2025 में समाप्त होगा. 1993 बैच के दीपक कुमार सिंह और उनकी पत्नी हरजोत कौर हैं. दीपक कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई, 2028 में पूरा होगा तो हरजोत कौर का 31 मई, 2027 में पूरा होगा. इसके बाद 1993 बैच के अधिकारियों में संदीप पौंड्रिक और मिहिर कुमार सिंह है. दोनों का कार्यकाल 2028 में पूरा होने वाला है.
बिहार में मुख्य सचिव के प्रमुख दावेदार:
चैतन्य प्रसाद: 1990 बैच के आईएएस अधिकारी चैतन्य प्रसाद गृह विभाग, सामान प्रशासन विभाग, जल संसाधन विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों के साथ कई विभागों में प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं. अभी विकास आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद पर हैं. चैतन्य प्रसाद वरिष्ठतम के साथ नीतीश कुमार और नीतीश कुमार के प्रधान सचिव दीपक कुमार के भी पसंद में से हैं. कभी विवादों में नहीं रहे हैं. अभी हाल में जब लगातार पुल गिरने की घटना सामने आ रही थी तो पहले जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में और फिर विकास आयुक्त के तौर पर सरकार का बचाव करने की कोशिश की. ऐसे भी विकास आयुक्त का पद प्रश्न प्रशासनिक महत्व में दूसरे नंबर का पद माना जाता है और पहले भी यह होता रहा है कि विकास आयुक्त को मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी जाती रही है. इसलिए सारा समीकरण चैतन्य प्रसाद के साथ फिलहाल फिट बैठ रहा है.
केके पाठक: केके पाठक 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. तेज तर्रार अधिकारी के तौर पर इनकी पहचान होती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन्हें कई बड़ी जिम्मेदारी दे चुके हैं. बिहार में पूर्ण शराबबंदी जब लागू की गई थी तो इन्हीं के कंधों पर सफल बनाने की जिम्मेदारी थी. स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग सहित कहीं विभागों में केके पाठक अपनी बड़ी भूमिका निभा चुके हैं और प्रभावशाली ढंग से कई काम किए हैं, लेकिन कड़क मिजाज के कारण विवादों में भी रहे हैं. इसलिए मुख्यमंत्री केके पाठक को मुख्य सचिव की पद पर बैठाएंगे इसकी संभावना फिलहाल कम है. ऐसे भी 2028 में रिटायर होंगे तो अभी लंबा समय इनके पास है.
प्रत्यय अमृत:1991 बैच के आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत हैं और नीतीश कुमार के पसंदीदा अधिकारियों में से एक माने जाते हैं. नीतीश कुमार इन्हें एक से अधिक विभागों की जिम्मेदारी हमेशा देते रहे हैं. पथ निर्माण विभाग में प्रत्यय अमृत ने लंबा समय दिया है. स्वास्थ्य विभाग, आपदा विभाग , ऊर्जा विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं और अभी भी इनके पास पथ निर्माण विभाग स्वास्थ्य विभाग और आपदा विभाग है . 2027 में प्रत्यय अमृत रिटायर होंगे तो अभी इनके पास समय है इनको लेकर मुख्यमंत्री फिलहाल फैसला लेंगे इसकी संभावना कम है.