मोतिहारीःएक तरफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार में नौकरी और रोजगार को चुनावी मुद्दा बनाने में जुटे हैं, वहीं एनडीए के नेता उनकी शिक्षा को लेकर लगातार उन पर हमलावर हैं. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवालने भी उनको नौवीं फेल बताते हुए कहा कि अगर वह लालू यादव के बेटे नहीं होते तो उनको चपरासी की नौकरी तक नहीं मिलती.
दिलीप जायसवाल का तेजस्वी पर हमला:दरअसल, मोतिहारी में बिहार बीजेपी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल के सम्मान में अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया था. बापू सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार का हाल यह है कि चांदी का चम्मच लेकर जन्म लेने वाला राजकुमार खुद नौवां फेल है. उनके पिताजी चारा गायब करके बहुत पैसे देकर स्कूल में उन्हें पढ़ा रहे थे. अच्छा हॉस्टल दिया, 2000 की जगह खाने के लिए 4000 रुपये तेजस्वी के लिए लालू प्रसाद भेजा करते थे लेकिन उनका स्वभाव ही पढ़ने का नहीं था.
'रोजगार की बात करता है नौवीं फेल':दिलीप जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी यादव को पढ़ने में मन नहीं लगता था. यही वजह है कि वह नौवीं क्लास में फेल कर गए. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि नौवां फेल राजकुमार आज बिहार के लोगों को रोजगार देने की बात करता है, जबकि सच तो ये है कि अगर वह लालू प्रसाद का बेटा नहीं होते तो उनको चपरासी की भी नौकरी नहीं मिलती. उनको तो अपने पिता का आभार जताना चाहिए कि पिता के नाम पर उनकी राजनीति चल रही है.
"बिहार का हाल तो आप जानते हैं. चांदी का चम्मच लेकर जन्म लेने वाला राजकुमार नौवां फेल है. पिताजी तो चारा गायब कर बहुत पैसा देकर स्कूल में पढ़ा रहे थे लेकिन जिसका स्वभाव ही पढ़ने का नहीं था, वह नौवां फेल कर गया. अब नवमा फेल बिहार के लोगों को रोजगार देने की बात करता है. अगर वह लालू जी का बेटा नहीं होता तो चपरासी की नौकरी भी नहीं मिलती."- दिलीप जायसवाल, अध्यक्ष, बिहार बीजेपी