भोपाल। राजधानी के आसपास के गांव में जमीन को कीमत करोड़ों रुपये में हैं. मिसरोद कभी भोपाल के ग्रामीण क्षेत्र का हिस्सा रहा है लेकिन बीते 20 सालों में हुई प्रगति ने इसे शहर की सबसे प्राइम लोकेशन में शामिल कर दिया है. राजधानी में सबसे महंगी जमीनें भी इसी क्षेत्र में हैं. यहां के अधिकतर किसान अब तक अपनी सारी जमीनें बेच चुके हैं लेकिन गांव के रामनारायण पाटीदार ने 200 साल पुराने बरगद के पेड़ की रक्षा के लिए अपनी जमीन आज तक नहीं बेची.
200 साल का हो चुका है बरगद
मिसरोद में राम नारायण पाटीदार की जमीन पर आज भी 200 साल पुराना बरगद का पेड़ मौजूद है. इस पेड़ की ऊंचाई करीब 40 फीट है. इस कारण यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है. इस पेड़ को किसी भी तरह का नुकसान न हो इसके लिए पाटीदार परिवार ने आज तक अपनी जमीन को नहीं बेचा है. अपने खेत की शोभा बढ़ाने वाले इस पेड़ के बारे में रामनारायण बताते हैं कि उनका बचपन इस पेड़ के नीचे बीता. उनके बेटे और पोते भी इसी के नीचे खेल कर बड़े हुए.
किसान ने बताईं पेड़ की खूबियां
किसान रामनारायण पाटीदार बताते हैं कि इन पेड़ों पर पक्षियों की कई प्रजातियां बसती हैं. इस पेड़ के कारण उनके खेत के आसपास की जलवायु काफी हद तक साफ रहती है. पेड़ पर कई तरह के पक्षी जिनमें तोता, कबूतर, गौरैया और फाख्ता सहित कई तरह के पंछी बसते हैं. पेड़ के नीचे की जगह ठंडी होने के कारण वे अपने पशुओं को भी पेड़ के नीचे बांधते हैं और ट्रैक्टर की ट्रालियां भी यहीं खड़ी करते हैं. इस पेड़ की जड़ें इतनी बढ़ चुकी हैं कि ये पेड़ आसपास भी फैलना शुरू कर चुका है.