भोपाल।एमपी में नर्सिंग घोटाले को लेकर कांग्रेस प्रदेश सरकार पर हमलावर है. पहले जहां कांग्रेस विरोध-प्रदर्शनों के माध्यम से नर्सिंग घोटाले को लेकर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश कर रही थी. वहीं अब इस मामले में शिकायतों का दौर भी शुरू हो गया है. नर्सिंग घोटाले की निष्पक्ष जांच और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को भोपाल में एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की है. इसके साथ ही राज्यपाल मंगू भाई पटेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी शिकायत की है.
सीएम से नर्सिंग विद्यार्थियों की फीस वापस करने की मांग
मुख्यमंत्री निवास में सीएम से मिलने पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा कि "प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राओं ने अपने उज्जवल भविष्य के लिए नर्सिंग कॉलेजों में दाखिला लिया था, लेकिन घोटाले की वजह से आज उनका भविष्य खतरे में है." इस दौरान दिग्विजय सिंह ने सीएम को एक शिकायत पत्र भी सौंपा है. जिसमें लिखा है, कि लंबे समय से नर्सिंग विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम जारी नहीं हुए. विश्वाविद्यालय सत्र 2021-22 व 2022-23 के छात्र छात्राओं की नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी नहीं कर पाया. प्रोफेशन एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित करवाई गई थी. जिसमें 66 हजार छात्राओं ने परीक्षा दी थी, लेकिन परीक्षा परिणाम आज तक जारी नहीं किए गए. इन 66 हजार स्टूडेंट्स को पात्र नर्सिंग कॉलेजों में शिफ्ट किया जाए. वहीं जिन छात्रों के 3-4 साल बर्बाद हुए हैं. उसके बदले उनकी पूरी फीस वापस की जाए.
प्रधानमंत्री मोदी से की मोहन सरकार की शिकायत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में दिग्विजय सिंह ने मांग कहा है कि "प्रदेश की भाजपा सरकार खुद फंसने के डर से नर्सिंग मामले की गहराई से जांच नहीं कराना चाहती है. भ्रष्टाचार में डूबे प्रदेश के अधिकारियों ने सीबीआई के अफसरों को रिश्वत में समेट दिया है. ऐसे में दिल्ली मुख्यालय में पदस्थ ईमानदार पुलिस अधिकारियों की एक एसआईटी गठित कर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में नर्सिंग घोटाले की निष्पक्ष जांच कराई जाए.