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डिजिटल अरेस्ट मामले में मध्य प्रदेश में पहली गिरफ्तारी, सिम कार्ड से आरोपी तक पहुंची क्राइम ब्रांच - CYBER FRAUD ACCUSED ARRESTED

भोपाल क्राइम ब्रांच ने टेलीकॉम कंपनी के इंजीनियर के डिजिटल अरेस्ट मामले में बड़ा खुलासा किया है. मामले के आरोपी को यूपी से किया अरेस्ट.

BHOPAL DIGITAL ARREST CASE
डिजिटल अरेस्ट मामले में मध्य प्रदेश में पहली गिरफ्तारी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 7:39 AM IST

Updated : Nov 29, 2024, 7:48 AM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डिजिटल अरेस्ट के मामले में क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है. भोपाल क्राइम ब्रांच की टीम ने एक टेलीकॉम इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर 3.50 लाख रुपए मांगने वाले 2 आरोपियों में से एक की गिरफ्तारी कर ली है. डिजिटल अरेस्ट मामले में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा यह पहली गिरफ्तारी बताई जा रही है. अबतक यही माना जाता था कि डिजिटल फ्रॉड के मामलों में आरोपियों को पकड़न मुश्किल होता है पर भोपाल क्राइम ब्रांच की ये सफलता साइबर ठगों के लिए बड़ी चेतावनी है.

जानकारी देते क्राइम ब्रांच डीसीपी शैलेंद्र चौहान (ETV Bharat)

इंजीनियर को किया था डिजिटल अरेस्ट

भोपाल क्राइम ब्रांच डीसीपी शैलेंद्र चौहान ने बताया, " भोपाल क्राइम ब्रांच को कुछ दिनों पूर्व सूचना मिली थी कि एक टेलीकॉम इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट किया गया है. भोपाल क्राइम ब्रांच ने तत्काल तत्परता दिखाते हुए उस व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया है. यह व्यक्ति टेलीकॉम कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत है. इन्हें घर में शाम 6:00 बजे से रात 11:00 बजे तक डिजिटल अरेस्ट किया गया था. आरोपियों ने इनसे 3.50 लाख रुपए की मांग की थी. साथ ही नहीं देने पर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी."

टेलीकॉम इंजीनियर डिजिटल अरेस्ट मामले में बड़ा खुलासा (ETV Bharat)

3 लोगों को राउंडप कर पूछताछ की गई

डीसीपी शैलेंद्र चौहान ने बताया, " भोपाल क्राइम ब्रांच द्वारा पूरे मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कर टीमों को रवाना किया गया. लगभग 7 से 8 दिनों तक कानपुर और महोबा के आसपास टीम ने छानबीन की और 3 लोगों को राउंड अप कर उनसे पूछताछ की गई. जिसमें एक व्यक्ति सिम धारक था, दूसरा कियोस्क संचालक था और तीसरा व्यक्ति वह था, जो सिम खरीद कर ले गया था. पूछताछ के बाद इस मामले में कियोस्क संचालक को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं अन्य फरार आरोपी की तलाश की जा रही. उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित किया गया है."

फर्जी तरीके से निकाली गई सिम

बता दें कि जिस व्यक्ति के नाम पर सिम लिया गया, उस व्यक्ति को मालूम नहीं था कि उसके आधार कार्ड पर सिम कार्ड लिया गया है. उसने बताया कि उसे केवल यह बताया गया था कि आपका आधार कार्ड अपडेट किया जा रहा है, जिसकी पुष्टि कियोस्क संचालक द्वारा की गई है. इस पूरे मामले में यह पहली गिरफ्तारी है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस प्रयास कर रही है.

Last Updated : Nov 29, 2024, 7:48 AM IST

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