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10वीं पास ने IPS अधिकारियों को छकाया, फर्जीवाड़े को पकड़ने सिंघम बनकर राजस्थान पहुंची एमपी पुलिस

भोपाल क्राइम ब्रांच ने राजस्थान से गिरफ्तार किए दो जालसाज, पुलिस कमिश्नर के नाम पर करते थे ठगी.

BHOPAL POLICE ARRESTED 2 ACCUSED
राजस्थान से गिरफ्तार किए गए दो आरोपी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 11, 2024, 7:17 AM IST

भोपाल: पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र के नाम की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर लोगों से ठगी करने वाले 2 आरोपियों को क्राइम ब्रांच की साइबर टीम ने अलवर राजस्थान से गिरफ्तार किया है. पकड़े गए दोनों आरोपियों में से एक 10वीं पास है और एक 8वीं पास है. ये दोनों आरोपी लगभग 100 से अधिक लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं.

करीब 100 लोगों से कर चुके हैं ठगी

भोपाल क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया, '' भोपाल पुलिस कमिश्नर के नाम से फर्जी आईडी बनाने वाले आरोपी IPS अधिकारियों के फोटो से फर्जी फेसबुक आईडी बनाते थे. इसके बाद ट्रांसफर होने का हवाला देकर सस्ते दामों में फर्नीचर बेचने का झांसा देते थे.'' शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस का दावा है कि आरोपी अब तक 100 से अधिक लोगों को इसी तरह ठगी का शिकार बना चुके हैं. जालसाज वारदात को अंजाम देने के लिए फर्जी बैंक खाते और फर्जी सिम का इस्तेमाल करते थे.

जानकारी देते हुए भोपाल क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान (ETV Bharat)

राजस्थान से गिरफ्तार किए गए दो आरोपी

विवेचना के दौरान साक्ष्यों और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई. इसके बाद पुलिस की एक टीम राजस्थान के लिए रवाना की गई. एडिशनल डीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने आगे बताया, '' गिरोह का सरगना शकील खान उम्र (24 वर्ष) रामगढ़ और उसका साथी सुनील प्रजापति (26 वर्ष) जिला अलवर से पकड़ा गया है. आरोपियों के कब्जे से 4 मोबाइल फोन, 3 सिम कार्ड और 5 हजार रुपए नगद समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं. हम इन दोनों से अभी पूछताछ कर रहे हैं जिससे पता लगाया जा सके कि इन लोगों ने किन-किन व्यक्तियों के साथ ठगी की है.''

भोपाल पुलिस कमिश्नर के नाम पर की थी ठगी

आपको बता दें कि बीते 5 नवंबर को जबलपुर निवासी महेश कुमार ने शिकायत की थी कि पुलिस कमिश्नर की फोटो लगी फर्जी फेसबुक आईडी से मैसेज भेजकर पुराना फर्नीचर बेचने की बात कही गई. फर्नीचर खरीदने की सहमति होने पर आरोपी ने क्यूआर कोड भेजकर करीब 45 हजार रुपए की धोखाधड़ी कर रकम ट्रांसफर करवा ली थी. आवेदन की जांच और तकनीकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने अज्ञात जालसाज के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्जकर जांच शुरू की थी. इसके बाद दोनों आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं.

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