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नर्सिंग कॉलेज की जांच में शामिल एक और अधिकारी पर गिरी गाज, 2 लाख की रिश्वत लेते हुए थे गिरफ्तार - Bhopal CBI Inspector Dismiss

एमपी में नर्सिंग कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े की जांच का जिम्मा हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपा था लेकिन जांच के नाम पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार की दुकान खोल ली. इस मामले में सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है.

BHOPAL CBI INSPECTOR DISMISS
नर्सिंग कॉलेज की जांच में शामिल अधिकारी बर्खास्त (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 10:20 PM IST

भोपाल।नर्सिंग घोटाले में जांच के नाम पर मध्यप्रदेश पुलिस का नाम डुबोने वाले एक और पुलिस अधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. जांच के नाम पर भ्रष्टाचार की दुकान खोलने वाले टीआई सुशील मजोका को भी मध्यप्रदेश पुलिस ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है. नर्सिंग घोटाले मामले में गिरफ्तार मध्यप्रदेश पुलिस के निरीक्षक सुशील मजोका को पुलिस मुख्यालय ने 22 मई को निलंबित कर दिया था. मजोका को नवंबर 2023 में सीबीआई में अटैच किया गया था.

2 लाख की रिश्वत के साथ रंगे हाथ हुए थे गिरफ्तार

मध्यप्रदेश के सीआईडी में पदस्थ निरीक्षक सुशील मजोका को नर्सिंग कॉलेज में फर्जीवाड़े की जांच में सहायता के लिए सीबीआई भेजा गया था, लेकिन वे भी जांच के नाम पर हुए भ्रष्टाचार के खेल में शामिल हो गए. इस मामले में दिल्ली सीबीआई की टीम द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में मजोका का भी नाम शामिल था. इसके बाद सीबीआई ने उन्हें जांच से हटाकर उनकी सेवा वापस प्रदेश पुलिस को सौंप दी थी. मजोका को 2 लाख रुपए की नगद रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था. सीआईडी ने इंस्पेक्टर के खिलाफ दर्ज किए गए अपराध की जानकारी सीबीआई से मांगी थी, जानकारी मिलने के बाद प्रदेश पुलिस ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.

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इन पुलिस अधिकारियों पर गिरी गाज

हाईकोर्ट के आदेश पर एमपी में नर्सिंग कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया था. जांच अधिकारी राहुल राज ने जांच के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिया. इस गोरखधंधे में मध्यप्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर ऋषिकांत असाटी, सुशील मजोका, डीएसपी आशीष प्रसाद भी शामिल हो गए. इन अधिकारियों ने नर्सिंग कॉलेज संचालकों, दलालों और पटवारियों के साथ भ्रष्टाचार का जाल फैलाया और मोटी रकम लेकर फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को भी ओके रिपोर्ट देनी शुरू कर दी. इसके लिए 2 लाख से 10 लाख रुपए तक की राशि रिश्वत में ली जा रही थी. दिल्ली सीबीआई की टीम ने शिकायत मिलने के बाद छापामार कार्रवाई कर आरोपियों को रंगे हाथों दबोच लिया. मामले में अब तक 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है और 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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