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नर्मदा के विकास के लिए मोहन यादव सरकार ने बनाई खास योजना, लिए गए कई फैसले - Mohan Yadav Cabinet Meeting

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नर्मदा के समग्र विकास पर मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक आयोजित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा को प्रमुख धार्मिक पर्यटन गतिविधि के रूप में सरकार विकसित करेगी.

CABINET COMMITTEE MEETING NARMADA
नर्मदा के विकास के लिए मोहन यादव सरकार ने बनाई खास योजना (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 9:55 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के दोनों ओर के क्षेत्र को संरक्षित करने के लिए प्रदेश सरकार जीआईएस और ड्रोन से सर्वे कराएगी. साथ ही विभिन्न विभागों के द्वारा मिलकर योजना तैयार की जाएगी. नर्मदा के समग्र विकास को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रिमंडल समिति की बैठक में इसके लिए निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा परिक्रमा को प्रमुख धार्मिक पर्यटन गतिविधि के रूप में विकसित किया जाए. नदी में मशीनों से खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं.

'ममलेश्वर मंदिर के उन्नयन की बनाएं योजना'

प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी के जल को निर्मल और अविरल प्रवाह बनाए रखने के लिए सुशासन भवन में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई. बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह सहित तमाम आला अधिकारी मौजूद थे. बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए सभी से सुझाव और नवाचारी उपाए बुलाए जाएं. सीएम ने कहा कि ओंकारेश्वर स्थित ममलेश्वर मंदिर के उन्नयन के लिए कार्य योजना तैयार की जाए और इस संबंध में केन्द्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से चर्चा की जाए.

नर्मदा परिक्रमा पथ के लिए दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि ''नर्मदा नदी के परिक्रमा को प्रमुख धार्मिक और पर्यटन गतिविधि के रूप में विकसित किया जाए. इसके लिए परिक्रमा करने वालों की सुविधा के लिए परिक्रमा पथ विकसित करने की दिशा में चरणबद्ध कार्य किया जाए. परिक्रमा पथ पर आने वाले स्थानों को चिन्हित कर पंचायतों के जरिए विकास कराया जाए. परिक्रमा करने वालों के लिए होम स्टे विकसित किए जाएं. साथ ही उनके खाने की भी व्यवस्था की जाए. स्थानीय स्तर पर इंफॉर्मेशन सेंटर भी विकसित किए जाएं''

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प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा नदी के दोनों ओर रहने वाले जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र में साल और सागौन का पौधारोपण कर जड़ी बूटियों की खेती को प्रोत्साहित करें. नदी के दोनों तरफ 5 किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से लेकर प्रदेश की सीमा तक किसी भी बसाहट में सीवेज को नर्मदा नदी में नहीं मिलना चाहिए.''

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