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"सरकारी नौकरी की आस में बूढ़े हो जाएंगे", भोपाल में जुटे युवाओं ने मनाया बेरोजगार शिक्षक दिवस - Unemployed Teachers Day - UNEMPLOYED TEACHERS DAY

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को बेरोजगार शिक्षक दिवस मनाया गया. इस मौके पर अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे प्रतीक्षारत शिक्षकों ने अपनी मांगें उठाकर जमकर नारेबाजी की. युवाओं ने सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर भर्ती की मांग की है.

Unemployed Teachers Day
भोपाल में जुटे युवाओं ने मनाया बेरोजगार शिक्षक दिवस (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 4:16 PM IST

भोपाल।राजधानी के नीलम पार्क में धरना देकर युवाओं ने शिक्षक भर्ती 2023 के पदों में वृद्धि की मांग की. युवकों का कहना है कि सरकारी विभागों में लाखों पद खाली पड़े हुए हैं. सरकार भर्ती नहीं करना चाहती है. परीक्षा तो होती है पर समय पर परिणाम नहीं आता है. जब परिणाम आता है तो फिर फर्जीवाड़ा हो जाता है. युवा परीक्षा का इंतज़ार करते-करते उम्रदराज हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा था कि पटवारी जांच रिपोर्ट को कोई भी ले सकता है तो उसकी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं की जाती.

सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की मांग (ETV BHARAT)

परीक्षा करवाते हैं पर नियुक्तियां नहीं होती

युवाओं का कहना है कि पिछले वर्ष जेल उपनिरीक्षक, जेल प्रहरी और वनरक्षक की भर्ती का आयोजन किया गया. जिसका शारीरिक परीक्षण भी हो गया है पर परिणाम आज तक नहीं दिया गया. शिक्षक वर्ग-1 में चयनित अभ्यर्थियों का 3 माह पहले दस्तावेज सत्यापन हो गया है, परंतु नियुक्ति के लिए तारीख पर तारीख दी जा रही है. शिक्षक वर्ग 1 की भर्ती में पदों की संख्या नाममात्र की कर दी. 16 माह पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-2 की पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया परंतु आज तक मुख्य परीक्षा की तिथि, पाठ्यक्रम और पदों की संख्या का निर्धारण नहीं किया गया.

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बैकलॉग के पद भरने में सरकार की रुचि नहीं

युवकों का कहना है कि सब इंजीनियर की भर्ती परीक्षा में केवल नाममात्र के पदों पर भर्ती की जा रही है. बजट में व्यावसायिक परीक्षा की शुल्क को नगण्य करने का कहा गया था परंतु सब इंजीनियर की परीक्षा में फीस ली गई. मध्यप्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों में हजारों की संख्या में पदों पर भर्ती होती है. यहां तो दहाई और सैकड़ों में पद उलझकर रह जाते हैं. नवीन पुलिस भर्ती परीक्षा में 20 हजार पदों पर भर्ती होनी चाहिए. मध्यप्रदेश का युवा आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है, क्योंकि सरकार समय पर भर्ती नहीं कर रही है. बैकलॉग के लाखों पद सरकारी विभागों में रिक्त पड़े हुए हैं.

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