लेखानुदान की कॉपियां पहुंचीं विधानसभा... जयपुर. भजनलाल सरकार का आज पहला बजट यानी लेखाअनुदान पेश होगा. राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब स्वतंत्र वित्त मंत्री के रूप में कोई महिला बजट पेश करेगी. लेखानुदान की कॉपियां सचिवालय से विधानसभा पहुंच गई हैं. सुबह 11 बजे वित्त मंत्री के बतौर दीया कुमारी लेखानुदान पेश करेंगी. यह पूर्ण बजट नहीं होकर अंतरिम बजट के रूप में लेखानुदान भले ही पेश हो रहा हो, लेकिन इससे आम और खास सभी को खासा उम्मीदें हैं. सचिवालय से विधानसभा पहुंचीं लेखानुदान की कॉपियों पर सबकी निगाहें टिकी हैं.
क्या होता है लेखानुदान बजट ? : दरअसल, कोई भी नई सरकार बनती है तो उसे अपना बजट पेश करना होता है, लेकिन राजस्थान में जब भी नई सरकार बनती है तो उसे लेखानुदान ही पारित करना होता है, क्योंकि राजस्थान में हमेशा सरकार का गठन दिसम्बर माह में ही होता है. जबकि 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है. ऐसे में कुछ महीनो के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष की जरूरत होती है.
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भारतीय संविधान के अनुछेद 116 के मुताबिक़, जब सरकार बदलने का समय जल्द आने वाला होता है, तब पूर्णकालिक की जगह लेखानुदान पेश किया जाता है. ऐसे में प्रावधान के अनुसार सरकार 3 महीने के लिए लेखानुदान ला सकती है, जिसे विधानसभा से मंजूरी लेनी होती है. जब लेखानुदान पेश किया जाता है, तब सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं लेती. इसमें कर दरों में बदलाव नहीं होता. नई योजना घोषित नहीं की जाती है. कम समय के लिए सरकार लेखानुदान पेश करती है.
लोकसभा चुनाव छाया : लेखानुदान ही सही, लेकिन भजनलाल सरकार का लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश हो रहे इस अंतरिम बजट से भी कुछ राहत भरी घोषणाओं की उम्मीद भी वर्ग को है. हालांकि, अंतरिम बजट में बड़ी-बड़ी नई घोषणाएं करने की परंपरा नहीं है, लेकिन कोई संवैधानिक पाबंदी भी नहीं है. इसलिए संभावना यह भी जताई जा रही है कि भले ही वित्त मंत्री दिया कुमारी नई योजनाओं की घोषणा इस बजट में ना करें, लेकिन लुक योजनाओं में प्रावधान करके राहत के छींटे जरूर देंगीं.
दीया कुमारी विधानसभा में युवाओं को देखते हुए नई भर्तियों की घोषणा कर सकती हैं. डीजल-पेट्रोल पर वैट कम करने की घोषणा हो सकती है या फिर इसकी समीक्षा को लेकर कमेटी बनाई जा सकती है. इसके साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर कुछ योजनाएं ला सकती है. इसके अलावा कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर बनी भ्रम की स्थिति को देखते हुए कोई घोषणा हो सकती है.