राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को अर्पित करें यह पीले पकवान, विद्या की देवी का मिलेगा आशीर्वाद

Basant Panchami 2024, भारत में मकर संक्रांति के बाद बसंत पंचमी ऐसा त्योहार है, जिसे लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इसमें बुद्धि, विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. इस त्योहार में एक विशेष प्रकार की पीले रंग के मिष्ठान भोग के रूप में मां सरस्वती को अर्पित किए जाते हैं.

विद्या की देवी का मिलेगा आशीर्वाद
विद्या की देवी का मिलेगा आशीर्वाद

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 14, 2024, 9:43 AM IST

जयपुर. सभी भारतीय त्योहारों का उपवास और अनुष्ठानों के बाद एक महत्वपूर्ण हिस्सा भोज का होता है. कुछ पारंपरिक घरों में पीले रंग की मिठाइयों का रिश्तेदारों और दोस्तों के बीच लेन-देन भी होता है. गृहणियां कुछ ऐसे स्वादिष्ट पकवान बनाती हैं, जो बसंत पंचमी के दिन प्रसाद के रूप में माता को अर्पित किए जाते हैं. इस दिन बेर और सान्ग्री मुख्य प्रसाद के रूप में दिए जाते हैं.

बेर के पेड़ से बेर का फल मिलता है, जो उत्तर और मध्य भारत में बहुतायत में उगता है. सान्ग्री वे बीन्स होते हैं, जो मूली के बीज लिए हुए होते हैं. इन दोनों चीजों को एक थाली में पीली बर्फी या लड्डू, पान, नारियल और सरसों के कुछ पत्तों के साथ रखा जाता है. एक दूसरी थाली भी पूजा की सामग्रियों के साथ, जैसे पानी, सिंदूर और पीले फूल के साथ तैयार की जाती है.

मां सरस्वती को अर्पित करें यह पीले पकवान

पढ़ें :आज है बसंत पंचमी, मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए करें ये जरूरी काम

घर की स्त्री ही एक जरी और गोटेवाली पीली पोशाक के साथ दोनों हाथों में पीली और लाल चूड़ियां पहनकर पूजा करती हैं और तब उत्सव शुरू होता है. उत्तर भारत के पसंदीदा हैं केसरी हलवा और मीठे चावल. जबकि बिहार, उत्तर प्रदेश में मालपुआ बनाया जाता है. वहीं, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में बूंदी के लड्डू, खिचड़ी का प्रसाद ज्ञान की देवी को चढ़ाया जाता है. मिठाइयों को पीला बनाने के लिए उनमें चुटकी भर केसर डाला जाता है.

राजस्थानी बीणज यानि "केसरिया मीठे चावल" की रेसिपी :

सामग्री: बासमती चावल - 200 ग्राम, चीनी - 2 कप, किशमिश - 1/2 कप, काजू, बादाम, पिस्ता, चिलोंजी (बारीक कटे हुऐ) - 1 कप, देशी घी - 100 ग्राम, केसर 15-20 पंखुड़ी, जायफल पाउडर - 1 चुटकी, छोटी इलायची साबुत - 4, लौंग - 4, दालचीनी - 2 टुकड़ा और पानी - 2 कप.

बसंत पंचमी में पीले पकवान का महत्व

विधि: चावल को धोकर पानी में उबाल लें. उसका पानी निथार लें. एक तरफ 1 कप पानी में चीनी डालकर चाशनी बना लें. 1 चम्मच दूध में केसर को घोंट कर चाशनी में डाल दें. एक कड़ाही में घी डालकर गर्म करें. इसमें इलायची, लौंग और दालचीनी डालकर तड़का लगाएं, फिर इसमें उबले चावल डाल दें और धीरे-धीरे चाशनी भी मिला दें. अब इसमें कटे मेवे, किशमिश और जायफल पाउडर डालकर आंच धीमे कर दें. पानी सूखने पर गैस बंद करके कड़ाही नीचे उतार लें. एक प्लेट में इस स्वादिष्ट और मांगलिक बीणज निकाल कर चांदी के वर्क से सजाकर मां सरस्वती को भोग अर्पण करें. बाद में स्वयं भी गर्मागर्म बीणज के स्वाद का आनंद लें.

बसंत पंचमी पर बनाएं ये 8 पीले पकवान :

बसंत पंचमी पर मीठे चावल यानी केसरिया भात बीणज ही नहीं, ये पीले पकवान भी बना सकते हैं.

केसरी शीरा : केसरी शीरा एक तरह की मिठाई है. इस पर बादाम और काजू से गार्निशिंग की जाती है.

केसरी राजभोग : यह रसगुल्ले जैसा होता है और इसकी चाशनी बनाते समय ही इसमें केसर डाल दिया जाता है.

खिचड़ी : बंगाल में सरस्वती पूजा में बनने वाला मुख्य पकवान है खिचड़ी. माता को इसका भोग भी लगाया जाता है.

बूंदी के लड्डू : लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले बेसन की बूंदियां बनाई जाती हैं और फिर इन्हें चाशनी में डालकर इसके लड्डू बनाए जाते हैं.

बेसन के लड्डू : बेसन और ड्राई फ्रूट्स को अच्छे से घी में भूनकर बेसन के लड्डू बनाए जाते हैं.

लाल कद्दू खीर : कद्दू को दूध में अच्छे से पकाकर इसकी खीर बनाई जाती है. रंग के लिए इसमें भी केसर डाली जाती है.

कांचिपुरम इडली : साउथ में इस दिन इडली के बैटर में हल्दी पाउडर मिक्स कर इडली बनाई जाती है. इन्हें केले के पत्तों पर सांभर और चटनी के साथ परोसा जाता है.

खमन ढोकला : पीले रंग की खासियत की वजह से आप इस दिन गुजरात के ढोकले भी बना सकते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details