बड़वानी: सतपुड़ा के पहाड़ों में यदि ठीक से खोजा जाए तो शायद कई ऐसे दुर्लभ जीव जंतु मिलेंगे जो अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में कुछ दुर्लभ जानवरों, पक्षियों और कीट-पतंगों का मिल जाना विशेष बात है. वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट गौरव निगम ने पेड़ पर रहने वाला मेंढक, दुर्लभ इंडियन लेपर्ड गीको छिपकली को खोजा है. गौरव रावत ने जंगल के पारिस्थितिक तंत्र को लेकर चिंता भी जताई है.
मृत अवस्था में मिली दुर्लभ छिपकली
गौरव निगम पिछले 3 साल से लगातार पक्षियों का सर्वे और खोज कर रहे हैं. अब उन्हें सतपुड़ा के जंगल में अत्यंत दुर्लभ वेस्ट इंडियन लेपर्ड गीको छिपकली और मेंढक मिला है. छिपकली मृत अवस्था में थी. उन्होंने बताया कि, "सामान्यतः यह छिपकली दिन में नहीं दिखाई देती है. यह अधिकतर रात में ही सक्रिय होती है. इसकी त्वचा पर तेंदुए के जैसे धब्बे और केमोफ्लाज होता है. यह मुख्यत: बिच्छू, कीटों आदि का रात में शिकार करती है. यह इकलौती उन दो गीको छिपकलियों में से है जो भारत में पाई जाती हैं. यह अपनी पलके भी झपका सकती है.
पेड़ों पर रहने वाला मेंढक मिला
इसके अलावा उन्हें एक मेंढक भी मिला है जो पेड़ों पर रहता है. यह मेंढक भी रात में अधिक सक्रिय रहता है. यह खासकर ठंडी जगह पर ही पाया जाता है, लेकिन बड़वानी जैसी गर्म जगह पर इसका मिलना आश्चर्यजनक है. गौरव निगम ने बताया कि, "यहां एक चिंता का विषय है कि जितनी तेजी से बड़वानी जिले में सतपुड़ा की पहाड़ियों पर जंगल साफ हुए है. पहाड़ वृक्ष हीन हुए हैं. इससे आने वाले समय में यहां पारिस्थितिक तंत्र और बिगड़ेगा. इस वजह से यहां गर्मी बढ़ जाएगी और अभी तक यहां जो जंगली जीव जंतु मिलते हैं वो भी मिलना बंद हो जाएंगे."
अभी तक गिने जा चुके हैं 119 प्रकार के पक्षी