बड़वानी:मध्य प्रदेश सरकार मेघनाद से लेकर गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक नर्मदा नदी में क्रूज चलाने की तैयारी में है.जिसकानर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने विरोध किया है. इसको लेकर मेधा पाटकर ने एनबीए कार्यालय में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि "मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने नर्मदा पर लग्जरी क्रूज प्रोजेक्ट के तहत मेघनाथ घाट जिला धार में नदी क्रूज टर्मिनल के निर्माण के लिए 7.82 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है."
मेधा पाटकर ने जताई आपत्ति
मेधा पाटकर ने कहा, "सरकार का यह कदम न केवल कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करता है, बल्कि नदी की परिस्थितियों, पेयजल और उस पर निर्भर समुदायों के जीवन पर गंभीर खतरा उत्पन्न करता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट 2022 में ऐसी चिताएं जाहिर की गई थी. मेधा पाटकर ने बताया कि "पहले क्रूज को बड़वानी से चलाने की बात की थी, बीच में ओंकारेश्वर से चलेगा यह भी जाहिर हो चुका है."
शाही क्रूज के विरोध में उतरीं मेधा पाटकर (ETV Bharat) एक लाख से ज्यादा का टिकट रहेगा
पाटकर ने कहा, "ये क्रूज शराब बार, स्विमिंग पूल, वॉटर स्पोर्ट्स और फ्लोटिंग जेटी जैसी सुविधाओं से लैस होंगे. इसके अलावा सरकार नर्मदा नदी के किनारे पर्यटकों के लिए रिसोर्ट बनाने की बात भी जाहिर कर चुकी है. ये सभी सुविधाएं पर्यटकों को लिए की जा रही हैं. क्रूज का हजारों रुपए का एक-एक का टिकट रहेगा. पांच दिन के सफर का एक लाख से ज्यादा का टिकट रहेगा. नर्मदा पेयजल का जो स्रोत है, क्रूज चलने से नदी में प्रदूषण होगा. इससे ग्रामीण व बड़वानी जैसे शहरी निवासियों का स्वास्थ्य बिगड़ेगा."
सिंचाई और मत्स्यपालन पर प्रभाव पड़ेगा
नर्मदा में क्रूज चलाया गया तो पीने का पानी, सिंचाई और मत्स्यपालन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. मेधा पाटकर ने कहा, "एनजीटी ने 12 सितंबर 2023 को तालाब और नदियों में क्रूज और मोटर बोट चलाने पर रोक लगाई थी. एनजीटी ने डीजल इंजन से चलने वाले क्रूज और मोटर से जलीय जीवों को खतरा बताते हुए यह आदेश दिया था. स्थानीय लोगों की चिंताओं और कानूनी याचिकाओं के जवाब में एनजीटी ने 2022 और सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2024 में इस परियोजना के खिलाफ फैसला सुनाया था."