बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से बीएपी प्रत्याशी राजकुमार रोत डूंगरपुर.लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश की बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर कांग्रेस से गठबंधन को लेकर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की मंशानुरूप देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन को आगे बढ़ रहे हैं. वो भी कांग्रेस से गठबंधन को तैयार हैं, लेकिन भाजपा के लिए काम करने वाले कुछ कांग्रेसी नेताओं की वजह से यह गठबंधन संभव होता नहीं दिख रहा है. उन्होंने यह बयान डूंगरपुर में प्रचार के दौरान मीडियाकर्मियों से रूबरू होने के दौरान दिया.
रोत ने कहा कि राहुल गांधी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा जैसी शक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं. भारत आदिवासी पार्टी भी उसी उद्देश्य से मैदान में डटी है और हम कांग्रेस से गठबंधन के लिए भी तैयार हैं, लेकिन कुछ भाजपा समर्थित कांग्रेसी नेता नहीं चाहते हैं कि कांग्रेस का बीएपी से गठबंधन हो. उन्होंने कहा कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर कांग्रेसी नेताओं को राहुल गांधी के उद्देश्यों के अनुरुप बीएपी से गठबंधन करना चाहिए. साथ ही कांग्रेस को धोखा देकर भाजपा में शामिल होने वाले व्यक्ति को सबक सिखाना चाहिए.
इसे भी पढ़ें -क्या मोदी बन पाएंगे चौधरी के लिए 'भागीरथी', देखें Live - PM MODI RALLY IN PUSHKAR
रोत ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा में कुछ कांग्रेसी नेता ऐसे हैं, जो कांग्रेस में रहते हुए भी भाजपा के लिए काम कर रहे हैं और वो साजिशन गठबंधन नहीं होने दे रहे हैं. इसके अलावा कुछ ऐसे भी भाजपा नेता हैं, जो भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की मनमानी से परेशान हैं और वो उनका यहां समर्थन कर रहे हैं. वहीं, राजकुमार रोत ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर अपनी जीत का दावा किया.
गौरतलब है कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर कांग्रेस बीएपी से गठबंधन करना चाहती थी. इसी वजह से कांग्रेस ने नामांकन के आखरी दिन 4 अप्रैल तक अपने प्रत्याशी नहीं दिया था, लेकिन बीएपी के गठबंधन से इनकार करने पर अंतत: कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा. हालांकि, कांग्रेस के प्रत्याशी उतारते ही बीएपी के तेवर नरम पड़ गए. नामांकन तक गठबंधन से इनकार करने वाली भारत आदिवासी पार्टी अब वोट बंटने की आशंका के बीच कांग्रेस की ओर हाथ बढ़ा रही है. इधर, कांग्रेस उदयपुर समेत दूसरी सीटों पर समर्थन देने की बात पर अड़ी है. ऐसे में गठबंधन होने की संभावना न के बराबर है.