जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एलोपैथी डॉक्टर्स की तरह आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को भी 62 साल की उम्र पूरी होने तक सेवा में बने रहने का हकदार माना है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह व वीके भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश आयुर्वेद डॉक्टर प्रभुदयाल शर्मा की याचिका पर दिय. याचिका में प्रार्थी ने उसके खिलाफ राज्य सरकार की भेदभावपूर्ण कार्रवाई को चुनौती दी थी.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि वह बारां जिले में वरिष्ठ आयुर्वेद डॉक्टर के पद पर कार्यरत था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेश होने के बाद भी उसे 31 अक्टूबर को 60 साल की आयु पूरी होने पर ही रिटायर कर दिया. जबकि उसने विभाग में प्रार्थना पत्र पेश कर उसे 62 साल तक सेवा में बनाए रखने का आग्रह किया था. इसलिए आयुर्वेद विभाग को निर्देश दिए जाएं कि वह उसे 62 साल तक सेवा में रखें.