पटना: बिहार में करीब 80 हजार सरकारी स्कूल हैं. इनमें से 7 से 12 क्लास तक की लगभग 20 लाख छात्राएं मासिक धर्म के समय स्कूल नहीं जा पाती हैं. शहरी क्षेत्र में थोड़ी जागरूकता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में हालात आज भी खराब है.
ईटीवी भारत की जांच में सच आया सामने:आखिर सरकारी स्कूलों में माहवारी के समय छात्राओं को सेनेटरी पैड मिलता है या नहीं. इसकी तफ्तीश के लिए ईटीवी भारत संवाददात कृष्णनंदन एक सरकारी स्कूल पहुंचे. जब उन्होंने यहां की जांच की तो सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन बंद पड़ी मिली.
बंद पड़ी हैं सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन: बता दें कि महिला एवं बाल विकास निगम ने साल 2023 के जून महीने में पैसे देकर सभी जिलें के डीएम के माध्यम से कुछ स्कूलों को चिह्नित कर सेनेटरी पैड मशीन लगवाई गई थी. यह मशीन जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से पटना में भी बालिकाओं के विद्यालय और कोएड स्कूलों में लगाया गया था, लेकिन अधिकांश सरकारी विद्यालयों में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन निष्क्रिय हालत में है.
नीतीश सरकार के ऐलान का भी नहीं हुआ असर: साल 2023 में नीतीश सरकार ने मीडिल और हाईस्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को पीरियड के दौरान सेनेटरी पैड वितरित करने की घोषणा की थी. लड़कियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए स्कूलों में सहेली कक्ष बनाने का ऐलान किया गया. जिसमें सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाए गए, ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल बच्चियां कर सकें. लेकिन इन सबके बावजूद आज भी पीरियड के दौरान छात्राओं को स्कूल में परेशानी होती है.
सेनेटरी पैड के लिए सालाना ₹300:शिक्षा विभाग की ओर से सरकार के निर्देश पर आठवीं कक्षा और उसके ऊपर की छात्राओं को किशोरी स्वास्थ्य योजना के माध्यम से सालाना ₹300 सेनेटरी पैड नैपकिन के लिए दिया जाता है. स्कूल में छात्राओं और शिक्षिकाओं को माहवारी के समय इमरजेंसी के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगवाने का निर्देश दिया गया था.
5 रुपये में एक पैड: सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन में ₹5 का सिक्का मशीन में डालने पर एक पैड निकलकर सामने आ जाता है. लेकिन ईटीवी भारत के ग्राउंड रिपोर्ट में पता चला कि सरकार की ओर से चिह्नित करके कुछ स्कूलों में जहां सेनेटरी पैड मशीन और डिस्पोजल मशीन लगाई गई वह मेंटेनेंस के अभाव में खराब पड़ी हुई है.
मिलर हाई स्कूल का ग्राउंड रिपोर्ट:पटना के मिलर हाई स्कूल की बात करें तो ईटीवी भारत की पड़ताल में यहां सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन बंद मिली. स्कूल के प्राचार्य मदन बिंद ने बताया कि स्कूल में रंग रोगन का काम चल रहा है. इलेक्ट्रिसिटी की टूटी हुई वायरिंग को दुरुस्त कराया जा रहा है. इसके कारण अभी इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई नहीं होने के कारण सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन बंद पड़ी हुई है.
"दो-तीन दिनों से यह बंद है और दो-तीन दिनों में रंग रोगन का काम पूरा होने के बाद वेंडिंग मशीन काम करने लगेगी. समय-समय पर इसकी मॉनिटरिंग होती है और पैड डाले जाते हैं. हालांकि यहां सैनिटरी पद के डिस्पोजल के लिए इंसीनेटर मशीन का इंस्टालेशन नहीं हुआ है."-मदन बिंद ,प्राचार्य,मिलर हाई स्कूल
बांकीपुर गर्ल्स स्कूल में निशुल्क पैड: पटना के बांकीपुर गर्ल्स स्कूल में पता चला कि तीन वेंडिंग मशीन लगे हुए हैं. स्कूल काफी बड़ा है और यहां कक्षा 6 से 12 तक के 2000 के करीब छात्राएं पढ़ाई करती हैं. सेनेटरी पैड के तीन वेंडिंग मशीन में एक मशीन एनजीओ की ओर से लगाई गई है, जहां निशुल्क बच्चियों को सेनेटरी पैड उपलब्ध हो रहा है. हाल ही में इसे लगाया गया है. ₹5 डालकर सेनेटरी पैड निकलने वाला वेंडिंग मशीन विद्यालय में दो लगे हुए हैं जिसमें एक खराब है और एक कार्यरत स्थिति में है.