उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

ATS जांच में बड़ा खुलासा; कई जिलों में मिशन के तहत बनाए जा रहे रोहिंग्याओं के बर्थ सर्टिफिकेट - Rohingya in UP - ROHINGYA IN UP

रायबरेली में एटीएस के हत्थे चढ़े जिशान ने रोहिंग्याओं (Rohingya in UP ) को लेकर बड़े खुलासे किए हैं. एटीएस के सूत्रों के अनुसार जिशान को रोहिंग्याओं के जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए सूची मुहैया कराई जाती थी. हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि सूची कौन उपलब्ध कराता था.

एटीएस की गिरफ्त में आरोपी जिशान.
एटीएस की गिरफ्त में आरोपी जिशान. (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 26, 2024, 10:25 PM IST

लखनऊ:रायबरेली का पलाही हो या नूरुद्दीनपुर गांव, रोहिंग्याओं के बर्थ सर्टिफिकेट बनाने का खेल सिर्फ इन्हीं दोनों गांव या फिर सिर्फ एक जिले में ही नहीं खेला जा रहा था. यह खुलासा जिशान ने यूपी एटीएस की पूछताछ में किया है. जिसे रायबरेली पुलिस ने फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सूत्रों के मुताबिक, जिशान एक ऐसे गैंग के लिए काम कर रहा है, जो भारी संख्या में उसे रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की सूची थमाते थे और फिर उनके सर्टिफिकेट बना भारत में स्थापित कर रहे थे.

गांव की जनसंख्या के दो गुने बनाए गए सर्टिफिकेट:रायबरेली के पलाही गांव में 4500 की जनसंख्या में सिर्फ एक ही परिवार मुस्लिम का है, लेकिन इस गांव के पते पर 819 मुस्लिमों के जन्म प्रमाण पत्र बना दिए गए. एक अन्य गांव नूरुद्दीनपुर, जहां की जनसंख्या 8 हजार है, लेकिन 12 हजार से अधिक लोगों के जन्मप्रमाण पत्र इस गांव के पते पर जारी किए गए जो मुस्लिमों के ही हैं.

इन प्रमाण पत्रों को बनाने वाले जनसुविधा केंद्र संचालक जिशान को गिरफ्तार कर लिया गया है और यूपी एटीएस ने अपनी जांच शुरू कर दी है. इसकी जांच यूपी एटीएस कर रही है और एटीएस ने जिशान से पूछताछ भी की है. सूत्रों के मुताबिक जिशान ने कई बड़े खुलासे किए है. जिसके मुताबिक रायबरेली के ये दो गांव तो बस बानगीभर हैं. इनका नेक्सस प्रयागराज, कानपुर, उन्नाव, बाराबंकी और लखनऊ में फैला हुआ है.


जिशान को थमाई गई थी लिस्ट :यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक जिशान से पूछताछ और जांच में सामने आया है कि फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के लिए जिशान को एक सूची दी गई थी. इस सूची में सभी रोहिंग्या और बांग्लादेशी युवक युवती और बच्चे शामिल थे. इनमें कई लोगों के धर्म हिन्दू भी रखने के लिए जिशान से कहा गया था. उसने करीब 19 हजार 184 फर्जी सर्टिफिकेट अप्लाई किए थे और विजय यादव ग्राम विकास अधिकारी की लॉगिन आईडी से उसे जारी कर दिया था. इन बर्थ सर्टिफिकेट की मदद से आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज बनाए जा सकते हैं.




कई जिलों में बनवाए गए है फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट :सूत्रों के मुताबिक जिशान ने पुलिस और यूपी एटीएस को बताया है कि, उसने तो सिर्फ इन्हीं दो गांव नूरुद्दीनपुर और पलाही के पते पर ही बर्थ सर्टिफिकेट जारी किए थे, लेकिन जिन्होंने उसे सूची दी थी उनका नेटवर्क काफी दूर दूर तक फैला हुआ है. उसने बताया कि कानपुर, प्रयागराज, बाराबंकी, उन्नाव, अमेठी और लखनऊ में जनसुविधा केंद्र चलाने वालों से सरगना ने लाखों बर्थ सर्टिफिकेट बनवाए हैं और रोहिंग्याओं को बस्तियों में स्थापित भी कर दिया है. यूपी एटीएस अब जिशान के इस खुलासे के बाद प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, अमेठी और बाराबंकी में सक्रिय हो गई है. इस कड़ी में बीते कुछ वर्षों में किसी एक पते पर भारी संख्या में बने बर्थ सर्टिफिकेट की जांच की तैयारी कर रही है. इसके अलावा जिशान को सूची कहां से मुहैया कराई गई, इसकी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है.




विदेशी फंडिंग में ISI का हाथ :सलोन से विधायक अशोक कुमार ने जिशान की गिरफ्तारी के बाद कहा है कि फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने के मामले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ है. बांग्लादेशियों को नागरिकता देेने की नीयत से फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनाए गए हैं. इतना ही नहीं इसके पीछे विदेशी फंडिंग भी हुई है. उन्होंने कहा कि फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट के जरिए वोटर आईडी समेत अन्य दस्तावेज तैयार कराए गए और इसके जरिए फर्जी लोगों ने रायबरेली-अमेठी जिले के लोकसभा चुनाव में वोटिंग भी की है. उच्चाधिकारियों को पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया है, जिसकी जांच चल रही है.




PFI के सदस्य का सर्टिफिक्ट जिशान ने ही बनाया था :केरल में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के एक सदस्य को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. उसके पास से बरामद हुए सभी दस्तावेज रायबरेली के पलाही गांव के पते पर बने थे. जांच में सामने आया कि जिशान के ही जन सुविधा केंद्र से यह दस्तावेज जारी किए गए थे. गिरफ्तार हुए PFI के सदस्य ने कबूला था कि न सिर्फ केरल बल्कि महाराष्ट्र और गुजरात में भी उसके कई साथियों के जन्म प्रमाण पत्र यहीं से बनवाए गए थे.


यह भी पढ़ें : रोहिंग्या-बांग्लादेशी मुसलमानों को भारतीय बनाने का खेल, यूपी 3 जनसेवा केंद्रों से बने फर्जी प्रमाणपत्र - Fake Certificates

यह भी पढ़ें : कानपुर कृषि यूनिवर्सिटी की जमीन पर रोहिंग्या का कब्जा; भाजपा विधायक बोले, झोपड़ियों से हो रहा नशे का धंधा - Rohingya in Kanpur

ABOUT THE AUTHOR

...view details