श्रीनगर: देशभर के प्रतिष्ठित एनआईटी कॉलेजों और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित जेईई मेंस परीक्षा (JEE Mains Result 2024) के सेशन 2 का रिजल्ट जारी हो गया है. यह परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने आयोजित की थी. जिसका रिजल्ट 24 अप्रैल को जारी किया गया है. इस परीक्षा में श्रीनगर के आशुतोष मिश्रा ने कमाल दिखाया है. आशुतोष ने बिना किसी कोचिंग के अपने दम पर तैयारी कर जेईई मेंस में 99.369 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं.
श्रीनगर के आशुतोष मिश्रा ने फिजिक्स में 100, मैथ्स में 98.599 और केमिस्ट्री में 98.418 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. इस तरह आशुतोष ने 99.369 पर्सेंटाइल हासिल किया है. इसके साथ ही आशुतोष शीर्ष स्थान हासिल करने वालों की सूची में शामिल हो कर जेईई एडवांस के लिए अपना स्थान पक्का कर लिया है. आशुतोष ने अपनी उपलब्धि का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता की प्रेरणा और विश्वास को दिया है.
आशुतोष मिश्रा ने हासिल किए 99.369 पर्सेंटाइल:दरअसल, गणेश बाजार निवासी पूनम मिश्रा और राजेश मिश्रा के बेटे आशुतोष ने साल 2023 में गुरु राम राय पब्लिक स्कूल श्रीनगर से इंटरमीडिएट की परीक्षा 87 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी. इस साल भी आशुतोष ने जेईई मेंस दिया, जिसमें उनका पर्सेंटाइल 92 रहा. इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी में अपने पसंदीदा ट्रेड कंप्यूटर साइंस (सीएस) में प्रवेश के अवसर के बावजूद उन्होंने जेईई मेंस के दूसरे अवसर के लिए तैयारी की.
अपने पिता राजेश मिश्रा के साथ आशुतोष मिश्रा कोई कोचिंग और ट्यूशन नहीं ली: बीते एक साल से यूट्यूब की मदद लेकर आशुतोष ने अपने दम पर तैयारी की और अपना मुकाम पाया है. आशुतोष ने बताया कि प्रवेश के लिए वे इलेक्ट्रॉनिक्स और सीएस ट्रेड लेते हुए एनआईटी कुरुक्षेत्र या एनआईटी इलाहाबाद को वरीयता देंगे. कंप्यूटर प्रोग्रामिंग उनकी प्रमुख अभिरूचियों में शामिल रहा. देशभर से इस परीक्षा में शामिल 14 लाख अभ्यर्थियों में से आशुतोष ने 10,213 वीं रैंक हासिल की है. उन्होंने कहा कि भविष्य में वे सिविल सर्विस की तैयारी भी करेंगे. फिलहाल, उनका उद्देश्य और फोकस अपनी पढ़ाई पर ही है.
अपनी मां के साथ आशुतोष मिश्रा 7 साल के बच्चे को मां ने थमा दिया था कंप्यूटर: स्वभाव से चंचल होने के बावजूद आशुतोष की प्रखरता और बुद्धिमत्ता को उसकी मां पूनम ने बखूबी समझा. आशुतोष जब 7 साल का था, तब मां पूनम मिश्रा ने बेटे की मांग पर उसे कंप्यूटर थमा दिया था. उनके पिता राजेश मिश्रा बताते हैं कि बेटे ने कंप्यूटर का भरपूर इस्तेमाल किया. यूट्यूब का तो आशुतोष ने गुरु के रूप में लाभ लिया. आशुतोष कहते हैं कि उन्होंने एक-एक पाठ के लिए सैंकड़ों यूट्यूब चैनलों पर जाकर पढ़ाई की.
एक ही चैप्टर के कई कंटेंट ऐसे होते थे, जिनके लिए कई-कई चैनलों को खंगालना पड़ा. आशुतोष की मां पूनम मिश्रा पाबौ इंटर कॉलेज में कला विषय की सहायक अध्यापिका हैं. वे एक बेहतरीन चित्रकार भी हैं. आशुतोष का कहना है कि मां के विश्वास और सहयोग की बदौलत उन्हें आज यह सफलता मिली है. मां के नौकरीपेशा होने के कारण घर पर ज्यादातर पिता का सहयोग मिला. ऐसे में माता-पिता का साथ उनकी सफलता में संजीवनी साबित हुआ.
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