जयपुर : प्रदेश की भजनलाल सरकार आज विधानसभा में नया धर्मांतरण विधेयक 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संप्रवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' पेश करेगी. इसके पहले वसुंधरा सरकार के दौरान ऐसा एक बिल आ चुका था. अब राजस्थान में एक बार फिर भाजपा की सरकार है और 16 साल बाद नए सिरे से यह बिल आ रहा है. धर्मांतरण विरोधी बिल को सदन की मेज पर रखा जाएगा. इस पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. इसके साथ ही आज सूर्य सप्तमी के उपलक्ष्य में स्कूलों में सूर्य नमस्कार किया गया. इन दोनों मुद्दों पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है.
शुक्र है परिंदों का कोई धर्म नहीं होता-रफीक खान :कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत में धर्मांतरण बिल से जुड़े सवाल पर कहा, "शुक्र है कि परिंदों का कोई धर्म नहीं होता, वर्ना आसमान में भी कत्लेआम हो जाता." उन्होंने आगे कहा, "बहुत से काम हैं जो सरकार को करना चाहिए. विकास के नाम पर कोई काम नहीं हो रहा है. शिक्षा मंत्री शिक्षा को छोड़कर सभी काम कर रहे हैं. इस सरकार से काम की उम्मीद नहीं की जा सकती. कोई इनसे पूछे कि काम क्या कर रहे हैं. अभी राज्यपाल का अभिभाषण हुआ, इसके बजट से अभिभाषण की तुलना करें तो 25 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है. काम के नाम पर सरकार जीरो है और इधर-उधर की बात कर रही है. हम विचार थोपने के खिलाफ हैं."
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रफीक खान ने यह भी कहा, "केंद्र के बजट में पिछली बार भी और इस बार भी बिहार बाजी मार ले गया. राजस्थान की जनता के साथ नाइंसाफी हुई है. इस बात पर भी चर्चा होगी कि जिस प्रकार इन्होंने अभिभाषण पढ़ा, कोटा के रिवर फ्रंट और सिग्नल फ्री रेड लाइट को लेकर एक शब्द नहीं बोला गया." उन्होंने कहा, "सूर्य नमस्कार का विश्व रिकॉर्ड बना. हमें इस पर आपत्ति नहीं है, लेकिन कोई भी निर्णय किसी भी वर्ग पर थोपा गया, हम उसके खिलाफ हैं. आदमी अपनी आस्था और आचरण से कुछ भी अपनाना चाहे, संविधान इसकी अनुमति देता है. सरकार शिक्षा को लेकर कोई बात नहीं कर रही है, बल्कि 450 स्कूल बंद कर दिए. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने की बात कर रही है. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों से आदर्श विद्या मंदिर में प्रवेश बंद हो गए. विपक्ष का काम विरोध करना रह गया है."