नई दिल्ली:दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क (दिल्ली जू) में गुरुवार तड़के मेल गैंडा 'धर्मेंद्र' की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. धर्मेंद्र को सितंबर 2024 में असम के जू से दिल्ली जू लाया गया था. इसे प्रजनन कार्यक्रम के तहत फीमेल गैंडा अंजूहा के साथ रखा गया था. धर्मेंद्र की मौत ने दिल्ली जू की देखरेख और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सूत्रों के अनुसार, जू में जानवरों की देखरेख के लिए अनट्रेंड मल्टी-टास्क स्टाफ (एमटीएस) को जानवरों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम जानवरों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए जोखिमपूर्ण है.
धर्मेंद्र के स्वास्थ्य में गिरावट:जब धर्मेंद्र को असम से लाया गया था, तब वह पूरी तरह स्वस्थ और हष्टपुष्ट था, लेकिन दिल्ली जू में आने के कुछ ही महीनों बाद उसकी सेहत में गिरावट देखने को मिली. धर्मेंद्र के कमजोर होने के बावजूद उसकी स्थिति पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया. जू के सूत्रों ने बताया कि धर्मेंद्र की मौत की सही वजह का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.
अंजूहा की मां के बदले आया था धर्मेंद्र:धर्मेंद्र को एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत असम से लाया गया था. इस प्रोग्राम के तहत अंजूहा की मां माहेश्वरी को असम जू भेजा गया था. इस घटना के बाद इस प्रोग्राम की प्रक्रिया और प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं.
दिल्ली जू में मौतों का सिलसिला:यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली जू में जानवरों की मौत हुई हो. इससे पहले सफेद टाइगर के शावक, भालू और अन्य जानवरों की मौत भी हो चुकी है. विशेषज्ञों का कहना है कि जू में जानवरों के खान-पान, स्वास्थ्य और पर्यावरण की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है. वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि जू में जानवरों की देखभाल के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति बेहद जरूरी है. अनट्रेंड स्टाफ के कारण जानवरों को सही खान-पान और स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती हैं.