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रोहतास में प्राचीन धूप घड़ी फिर से चालू, अब देख सकेंगे समय, 2 साल पहले हुई थी चोरी - Ancient Sundial

SUNDIAL IN ROHTAS: बिहार के रोहतास में प्राचीन धूप घड़ी फिर से चालू कर दिया गया है. 2 साल पहले यह चोरी हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने एक भंगार वाले को गिरफ्तार भी किया था. अंग्रेजी सरकार के द्वारा स्थापित यह घड़ी ऐतिहासिक धरोहर है. पढ़ें पूरी खबर.

रोहतास में प्राचीन धूप घड़ी फिर से हुआ चालू
रोहतास में प्राचीन धूप घड़ी फिर से हुआ चालू

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 13, 2024, 7:08 AM IST

रोहतास में प्राचीन धूप घड़ी फिर से हुआ चालू

रोहतासःबिहार के रोहतास में ऐतिहासिक धरोहर प्राचीन धूप घड़ी फिर से काम करना शुरू कर दिया है. डेहरी के एनीकट स्थित सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में इसे पुनः स्थापित करा दिया गया. सिचाई बिभाग के चीफ इंजीनियर के निर्देश पर विभाग के ही एसडीओ अनु कुमारी को यह कार्य सौंपा गया. शुक्रवार को टेक्नीशियन व कुशल मजदूरों की मदद से धूप घड़ी की प्लेट को स्थापित कराया गया.

साल 2022 में हुई थी चोरीः डेहरी ऑन सोन के एनीकट में स्थित प्राचीन धूप घड़ी की सुई को 9 फरवरी 2022 की देर रात चुरा लिया गया था. कड़ी मशक्कत के बाद चोरी के तीसरे दिन डेहरी पुलिस ने धूप घड़ी के शंकु को बरामद कर लिया था. पुलिस ने मोहल्लों में घूम घूमकर भंगार खरीदने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था जो अधिक दाम पर शहर के ही एक कबाड़ में बेचने के लिए ले जा रहा था. आरोपी मानिक चंद गुप्ता नगर थाना क्षेत्र के मोहन बिगहा का रहने वाला था

"ऐतिहासिक धूप घड़ी की प्लेट को परिसर में स्थापित करा दिया गया है. इसके साथ ही बाउंड्री वाल का निर्माण भी करा दिया गया है. इस प्राचीन धूप घड़ी को देखने के लिए परिसर में आने जाने के लिए सुबह 10 से शाम 5 तक समय निर्धारित किया जाएगा. इसके बाद सुरक्षा की दृष्टिकोण से विभाग के निर्देश पर गेट में ताला बंद होगा."-कुणाल कुमार, एक्सक्यूटिव इंजीनियर, सिंचाई विभाग.

1871 में स्थापित किया गया थाः बता दें कि कि प्रदेश का यह अपने तरीके का पहला और इकलौता धूप घड़ी है जो सूर्य के प्रकाश से समय बताती है. इस घड़ी में रोमन एवं हिंदी के अंक अंकित हैं. अंग्रेजी सरकार ने 1871 में इसे स्थापित किया था. तब विश्व की पहली सिंचाई प्रणाली सोन नहर का निर्माण कार्य यहां शुरू हुआ था. यह धूप घड़ी ब्रिटिश सरकार के द्वारा यांत्रिक अभियांत्रिकी कर्मशाला के सामने है लगवाया गया था ताकि मजदूर समय देख सके.

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