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अक्षय तृतीया पर ना देखें मुहूर्त-पंचांग, किसानों के लिए 4 महीने की बारिश का फॉरकास्ट करेगा यह देसी नुस्खा - Akshaya Tritiya Rainfall Prediction

10 मई को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है. हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस दिन कोई भी कार्य बिना पंचांग देखे किया जा सकता है. इस दिन कुछ शुभ कार्य करने से आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. इसी दिन किसान भी अनुमान लगाते हैं कि किस महीने में कितनी बारिश होती है.

Akshaya Tritiya Tainfall Prediction
अक्षय तृतीया के दिन नहीं होती मुहूर्त और पंचांग की जरूरत (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 10, 2024, 9:58 AM IST

Updated : May 10, 2024, 11:28 AM IST

Farmers Rain Prediction For 4 Months: अक्षय तृतीया यानी आखातीज या अखती इस साल 10 मई शुक्रवार को मनाई जा रही है. वेद पुराणों के जानकार बताते हैं कि इस दिन कोई भी शुभ काम बिना पंचांग देखे किया जा सकता है. इस दिन किए हुए काम बेहद शुभ माने जाते हैं. इसी दिन किसान खरीफ की खेती का काम भी शुरू करते हैं और साल भर मौसम कैसा रहेगा इसका पता भी लगा लेते हैं. किसान मिट्टी के ढेले गीले होने के आधार पर पता लगा लेते हैं कि किस महीने में कितनी बारिश होगी. ऐसा माना जाता है कि इस त्योहार के दौरान सोना खरीदने से असीमित धन की प्राप्ति होती है.

किसान इस तरह लगाते हैं बारिश का अनुमान

इस बारे में बुजुर्ग किसान घनश्याम राय ने कहा, ''ये मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान वराह धरती माता को ऊपर लेकर आए थे. इसी शुभ दिन के मौके पर किसान आने वाले 4 महीने में बारिश का अंदाजा लगाते हैं. साथ ही ये भी पता लगाते हैं कि उनकी फसल कैसी होगी. किसान इसी अनुमान के आधार पर अपनी फसल को लेकर तैयारियां करते हैं. तरीका ये है कि अक्षय तृतीया के दिन किसान मिट्टी की चार ढेले अपने खेतों से लाते हैं और सभी मिट्टी के ढेलों का महीनों के हिसाब से नामकरण करते हैं. जिसमें आषाढ़, सावन, भादों और कुआंर. चारों महीने की मिट्टी के टीले में जो जिस तरीके से गीला होता है, उस हिसाब से किसान मान लेते हैं कि कितनी बारिश किस महीने में संभावित है. उस हिसाब से फसल खेतों में लगाई जाती है.''

मुहूर्त और पंचांग की नहीं होती जरूरत

ज्योतिषाचार्य डॉक्टर वैभव आलोणी कहते हैं, अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम की जयंती होती है. इस दिन किए हुए सारे काम शुभ माने जाते हैं. कहा गया है कि इस दिन किसी भी शुभ काम करने के लिए पंचांग और मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती. जैसा कि इस साल 10 मई को पंचांग के अनुसार विवाह की कोई तिथि नहीं है, लेकिन लोग इस दिन भी विवाह करेंगे, क्योंकि मुहूर्त अविजित माना जाता है.

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अक्षय तृतीया पर क्या करें और क्या न करें?

अक्षय तृतीया के दिन ही रंगोली से सजे घड़े, जिसे गागर कहा जाता है. उसमें पानी भरा जाता है. सनातन धर्म के अनुसार भरी गागर संपन्नता का प्रतीक होती है. सनातन धर्म में मान्यता है कि आम के पत्तों से पूजा की जानी चाहिए. इस दिन आम के पत्ते, पलाश के पत्ते सहित आम का पना और महिलाओं के द्वारा हाथों से बनाई गई आटे की सेवइयां से भगवान को भोग लगाया जाता है. अक्षय तृतीया के दिन काले कपड़े, प्लास्टिक के आइटम, नुकीली चीजें, बर्तन नहीं खरीदने चाहिए.

अक्षय तृतीया पर कौड़ी रखना शुभ

कौड़ी बेहद ही शुभ मानी जाती है. ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी को कौड़ी बहुत प्रिय है. इसलिए इस पर्व के दिन 11 कौड़ी खरीदकर एक लाल कपड़े में बांधकर या ऐसे ही मां लक्ष्मी को अर्पित करें. इससे आपके धन में बढ़ोतरी होगी और आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी. अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी घर लाना बेहद शुभ माना जाता है. अक्षय तृतीया की शाम पूजन के दौरान चांदी के सिक्के को एक लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी या जहां पैसे रखते हैं, उस स्थान पर रख दें. ऐसा करने से आप को कभी धन की कमी नहीं होगी.

नोट - यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्याताओं पर आधारित है.

Last Updated : May 10, 2024, 11:28 AM IST

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