श्रीनगर: न्याय निर्णायक अधिकारी (अपर जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल) इला गिरि की कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम का पालन न करने पर विभिन्न खाद्य कारोबारियों और विक्रेताओं पर कुल 13 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जिला अभिहीत अधिकारी खाद्य संरक्षा विभाग अजब सिंह रावत ने इसकी जानकारी दी.
जिला अभिहीत अधिकारी खाद्य संरक्षा विभाग अजब सिंह रावत ने बताया कि न्याय निर्णायक अधिकारी इला गिरि ने पांच अलग-अलग मामलों में फैसले सुनाए. तमिलनाडु के बड़े ब्रांड वाले घी निर्माता पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम एवं विनियम की धारा 51 के तहत घी के अधोमानक पाये जाने पर 2,10,000 (दो लाख दस हजार रुपये) का जुर्माना लगाया गया है.
इसके अलावा दुकानदार द्वारा घी के खरीद बिल न्यायालय में उपलब्ध न कराने पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. उन्होंने बताया कि गुजरात से सप्लाई हो रहे इंटरनेशनल ब्रांड के दूध में वसा की मात्रा अधिनियम में बनाये गये मानक से कम पाई गई. इस पर खाद्य विश्लेषक ने दूध को अधोमानक घोषित किया था.
न्यायालय ने उक्त कम्पनी पर धारा 51 के अन्तर्गत दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. साथ ही पटेल नगर और मुजफ्फरनगर यूपी की कंपनियों पर न्यायालय में बिल प्रस्तुत न करने पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. कोटद्वार रोड पौड़ी के विक्रेता और होलसेल व कमीशन एजेंट अफजलगढ़ बिजनौर यूपी द्वारा न्यायालय में बिल प्रस्तुत करने पर कार्रवाई से अवमुक्त किया गया है.
रावत ने बताया कि खाद्य संरक्षा मानक अधिनियम 2006 नियम विनियम 2011 की धारा 51 के अन्तर्गत सेक्टर 57 सोनीपत हरियाणा की कंपनी पर दो लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं, स्थानीय खाद्य कारोबारी ने न्यायालय में खाद्य पदार्थ का खरीद बिल प्रस्तुत नहीं किया, जिस कारण न्यायालय ने दुकानदार पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.